अतीत के आईने से: जब 1995 के अधिवेशन में प्रधानमंत्री पद के लिए तय हुआ अटलजी का नाम
अतीत के आईने से पहली बार 1995 में अटलजी का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया गया था। इसके बाद यह तय हुआ कि वे 1996 के चुनाव में प्रधानमंत्री बनेंगे। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने 1996 का लोकसभा चुनाव अटल बिहारी वाजपेयी के चेहरे पर लड़ा था। पढ़िए क्या था अटलजी के पीएम पद के लिए नाम तय होने का पूरा घटनाक्रम...।
Lok sabha Election 2024: भारतीय जनता पार्टी ने 1996 का लोकसभा चुनाव अटल बिहारी वाजपेी के चेहरे पर लड़ा था। नतीजे आने के बाद बाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा ने सरकार भी बनाई थी। हालांकि, यह सरकार सिर्फ 13 दिन चली थी। आइए जानते हैं कि अटल बिहारी बाजपेयी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश करने का फैसला कब और कहां लिया गया था, जबकि उस समय भाजपा में लालकृष्ण आडवाणी अहम थे।
अधिवेशन के दूसरे दिन हुआ एलान
वर्ष 1995 में मुंबई के दादर मैदान पर भाजपा का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित हुआ था। 12 नवंबर को अधिवेशन के दूसरे दिन ये एलान हुआ कि अब मुरली मनोहर जोशी की जगह लालकृष्ण आडवाणी भाजपा के अध्यक्ष होंगे। उस समय राजनीतिक गलियारों में एलके आडवाणी की लोकप्रियता चरम पर थी। राम जन्म भूमि आंदोलन ने उन्हें एक अलग पहचान दी थी।
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एल के आडवाणी ने की ये घोषणा
जब आडवाणी संबोधन के लिए आए तो उन्होंने कहा 1996 के चुनाव में भाजपा का चेहरा अटल बिहारी वाजपेयी होंगे। यानी अगर भाजपा की सरकार बनती है तो प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी होंगे। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने इससे इनकार कर दिया और कहा कि वह नहीं, आडवाणी प्रधानमंत्री बनेंगे। इस पर लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि उन्होंने अध्यक्ष के तौर पर इस बात का एलान कर दिया है, अब इसमें बदलाव नहीं हो सकता।