Chunavi किस्सा: 'आप सरकार हैं, खुद पता कर लो', जब संसद में भिड़ गईं थीं भिवानी की सांसद; क्या था मामला?
Lok Sabha Election 2024 दवाओं में मिलावट खोरी का मुद्दा 1978 में संसद में उठा था। इस मामले में सरकार को जवाब तक देना पड़ा था। मुद्दा इतना गर्मया था कि भिवानी की तत्कालीन सांसद चंद्रावती संसद में भिड़ गई थीं। दवाओं में मिलावट करने वालों के खिलाफ कड़े कानून की मांग उठाई गई थी। चंद्रावती ने पूछा था कि क्या सरकार नियम पूरा न करने वालों की जांच कराएगी।
अमित पोपली, झज्जर l उन दिनों मिलावटखोरों की तरह नकली दवाओं के मामले में भी पर्याप्त सजा नहीं मिल पाती थी। सदन में उस दिन सांसद मुरली मनोहर जोशी ने सवाल पूछते हुए कहा, क्या यह सच नहीं है कि यह दवा विदेश से पूरी छूट देकर यहां भेजी गईं और उन लाइसेंस धारियों के द्वारा भेजी गईं जो यहां कपड़े और आचार मुरब्बे के आयात का काम करते थे?
इसे केंद्रीय मंत्री जनेश्वर मिश्र ने स्वीकार करते हुए कहा कि सरकार के पास जो रिपोर्ट एजेंसियों से आईं, अब उसके अनुसार 1977 में कोई ऐसी दवा नहीं आईं, जिसकी मियाद तीन साल से कम हो।
यह भी पढ़ें: जितने उम्मीदवार उतने ही बक्से, थाने में रखी जाती थी मतपेटी; ऐसे हुआ था देश का पहला चुनाव
सदन में उठी यह बात 21 फरवरी 1978 की है। जब मुद्दा उठा, दवाइयों के आयात करने में मल्टी नेशनल कंपनियों ने बहुत बड़ी मात्रा में छूट दी है, इसलिए कि वह सबस्टैंडर्ड है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की निर्धारित जीवनरेखा के अनुसार तीन वर्ष समाप्त होने के दो तीन माह पहले तक आयात की गईं ताकि वे कानूनी शिकंजे से बच जाए।
भिवानी की सांसद ने पूछा था सवाल
भिवानी से सांसद चंद्रावती के प्रश्न पर मंत्री ने कहा कि अब इंपोर्ट लाइसेंस देते हुए ध्यान दिया जाता है कि लाइसेंस धारी ड्रगिस्ट या केमिस्ट हो। चंद्रावती ने एतराज जताते हुए पूछा कि क्या सरकार नियम पूरा न करने वालों की जांच कराएगी।