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'मुश्किल होता है बच्चे बने रहना', 'द लाडली' शो में बोले मुख्यमंत्री शिवराज, 17 साल की उम्र में गया था जेल

इंदौर की बाल अभिनेता कुरंगी नागराज ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से द लाडली शो के दौरान चर्चा की। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज ने स्कूली शिक्षा से लेकर मामा बनने तक के सफर पर विस्तृत बातचीत की। उन्होंने कहा कि छोटे से गांव में पैदा होने के बावजूद मेरे भीतर पढ़ने की खूब ललक की। मैं यह जानता था कि आगे बढ़ना है तो पढ़ना है।

By Anurag GuptaEdited By: Anurag GuptaUpdated: Thu, 21 Sep 2023 03:59 PM (IST)
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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (फोटो: @ChouhanShivraj)
भोपाल, ऑनलाइन डेस्क। मध्य प्रदेश चुनावी रंग में रंग चुका है। ऐसे में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस सहित तमाम पार्टियों ने चुनावी तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का अलग अंदाज देखने को मिला, जहां पर उन्होंने इंदौर की बाल अभिनेती कुरंगी नागराज के साथ 'द लाडली' शो में अपने अनुभवों को साझा किया।

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कुरंगी नागराज के साथ बचपन की यादें ताजा करते हुए 'मामा' शिवराज ने अपनी शिक्षा दीक्षा से लेकर मुख्यमंत्री बनने तक के सफर पर बात की। उन्होंने कहा कि छोटे से गांव में पैदा होने के बावजूद मेरे भीतर पढ़ने की खूब ललक थी। मैं यह जानता था कि आगे बढ़ना है तो पढ़ना है। मैंने सातवीं कक्षा में गांव के मजदूरों के लिए आंदोलन किया था, लेकिन साथ में पढ़ता भी खूब था। इसी वजह से मैं अपनी कक्षा में हमेशा फर्स्ट आता था।

जब 1975 में लगी थी इमरजेंसी

मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि साल 1975 में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने देश में इमरजेंसी लगाई थी और उस वक्त मैंने इमरजेंसी का विरोध किया था। इंदिरा जी की तानाशाही नहीं चलेगी, नहीं चलेगी और मैं 17 साल की उम्र में जेल चला गया था। इसी बीच कुरंगी नागराज ने चौंकते हुए पूछा महज 17 साल की उम्र में आप जेल चले गए थे। इस पर मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा,

हां, पुलिस 17 साल की उम्र में पकड़ कर मुझे जेल ले गई थी। उस वक्त मैं ग्यारहवीं कक्षा में था और जेल से निकलने के बाद मैंने परीक्षा दी थी। कैमेस्ट्री में मुझे 200 में से 178, फिजिक्स में 173, बायोलॉजी में 168 अंक प्राप्त हुए थे। हिंदी में भी मुझे अच्छे अंक मिले थे। मैं लगातार पढ़ता रहा और विद्यार्थी परिषर के कामकाज में भी लगा रहा। पढ़ते-पढ़ते मैंने बीए किया और फिलोसोफी में एमए किया। एमए में मैं गोल्ड मेडलिस्ट था।

यहां देखिये पूरा वीडियो

...तो इसलिए शिवराज को 'मामा' कहती हैं बेटियां

कुरंगी नागराज के मासूम सवालों का जवाब देते हुए शिवराज सिंह चौहान ने यह बताया कि आखिर क्यों प्रदेश की बेटियां उन्हें 'मामा' कहकर बुलाती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सच्चे दिल से काम करने की वजह से मैं बेटियों का मामा हूं। उन्हें सच्चा प्यार करता हूं। साथ ही बेटियों की जिंदगी कैसे बेहतर बने इसकी कोशिश करता हूं। उनके लिए योजनाएं बनाता हूं। इसलिए बेटियां मुझको मामा कहती हैं।

उन्होंने कहा कि हमारे गांव में कहा जाता है कि 100 ब्रम्हाणों के बराबर एक भांजी/भांजा होता है। लेकिन यह तब महत्वपूर्ण होता है जब आप उनके लिए काम करते हैं। मैंने बेटियों के लिए काम किया तो मामा और बहनों के लिए काम किया तो भईया भी बन गया। जहां चाह होती है वहां राह को निकलना होता है।

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CM का मतलब क्या?

इसी बीच कुरंगी नागराज से शिवराज सिंह चौहान ने CM का फुल फॉर्म पूछा। इस पर बाल अभिनेता ने त्वरित जवाब देते हुए CM का मतलब समझाया। कुरंगी नागराज के मुताबिक, CM का मतलब 'केयरिंग मामा जी' है।

वहीं, कुरंगी नागराज ने मामा से सवाल किया कि आप बच्चों को फर्स्ट आने पर स्कूटी गिफ्ट करते हैं तो मुझे भी दिला दीजिए। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि बेटी यह आसानी से नहीं मिलती है। हमने अपने भांजे, भांजियों के लिए एक योजना बनाई है, जो बारहवी कक्षा में सबसे ज्यादा नंबर लाएगा, उसको मामा स्कूटी दिलाएंगे। अभी 7,800 बेटे, बेटियों को स्कूटी दिलाई है। इसके लिए तुम्हें मेहनत करना पड़ेगा और बारहवी कक्षा में फर्स्ट क्लास आना पड़ेगा। फिर मैं तुमको पक्का स्कूटी दिलाऊंगा।

मुख्यमंत्री शिवराज ने बाल अभिनेता के साथ खास बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया। उन्होंने कहा,

बच्चे बने रहना मुश्किल होता है, आप बड़े होते हैं, बचपन पीछे छूट जाता है, लेकिन कई बार आप समय में पीछे चले जाते हैं, उन भूले बिसरे पलों में... ऐसे ही मासूम सवालों को सुलझाते-सुलझाते कब चालीस मिनट बीत गए, पता ही नहीं चला।