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MP Election 2023: राजगढ़ में कर्मचारियों को रास आती रही है राजनीति, अब तक 6 सरकारी कर्मचारी बने विधायक

MP Election 2023 मध्य प्रदेश में राजगढ़ एक ऐसा जिला है जहां के कर्मचारियों को राजनीति खूब पसंद आती है। राजगढ़ जिले के पांच कर्मचारी नौकरी छोड़कर बतौर विधायक सदन पहुंचे चुके हैं। रघुनंदन शर्मा राजनीति में आए तो भाजपा से दो बार के विधायक चुने गए। जबकि दो अन्य भाजपा जिलाध्यक्ष व महामंत्री बनकर संगठनात्मक क्षमता दिखा रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Wed, 11 Oct 2023 08:30 PM (IST)
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राजगढ़ जिले के पांच कर्मचारी नौकरी छोड़कर बतौर विधायक सदन में पहुंचे।
जेएनएन, राजगढ़। MP Election 2023: राजगढ़ एक ऐसा जिला है जहां के कर्मचारियों को राजनीति खूब पसंद आती है। यहां के छह कर्मचारी नौकरी छोड़कर बतौर विधायक सदन में पहुंचे। जबकि दो अन्य भाजपा जिलाध्यक्ष व महामंत्री बनकर संगठनात्मक क्षमता दिखा रहे हैं। इतना ही नहीं एक कर्मचारी की पत्नी विधानसभा चुनाव लड़ीं तो अब कर्मचारी पति भी नौकरी छोड़कर राजनीति के मैदान में उतर गए हैं।

वर्तमान में सारंगपुर विधायक कुंवर कोठार, पूर्व विधायकगण रघुनंदन शर्मा, मोहन शर्मा, हजारीलाल दांगी, हरिचरण तिवारी व पूरसिंह पंवार शामिल हैं। जबकि दिलवर यादव व देवीसिंह सौंधिया नौकरी छोड़कर भाजपा जिलाध्यक्ष-महामंत्री बन चके।

नौकरी छोड़ राजनीति में रखा कदम

उधर महेश मालवीय ने नौकरी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया। इसमें कुंवर कोठार 2013 तक जलसंसाधन विभाग भोपाल में ईई के पद पर पदस्थ थे। 29 साल सरकारी नौकरी की।

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इसके बाद 2013 में भाजपा की सदस्यता ली। पार्टी ने अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरिक्षत सुरिक्षत सीट सारंगपुर से चुनाव लड़ाया। वह दो बार के विधायक हैं।

दो बार बीजेपी विधायक बने रघुनंदन शर्मा

रघुनंदन शर्मा लिपिक थे। राजनीति में आए तो भाजपा से दो बार के विधायक चुने गए। पूरसिंह पंवार ने पटवारी की नौकरी छोड़ी और भाजपा से विधायक बने।

इसी तरह मोहन शर्मा ने भूमि विकास बैंक की नौकरी से विधानसभा तक की यात्रा तय की थी। हजारीलाल दांगी शिक्षक थे। वह दो बार विधायक रहे। पंडित हरिचरण तिवारी ने विपणन की नौकरी छोड़ी और विधायक बने।

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