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मध्य प्रदेश में 25 सालों में नहीं हुआ कभी ऐसा, इस बार सिंधिया घराने से कोई नहीं होगा चुनाव मैदान में

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की पांचवीं सूची सामने आ गई है। ऐसे में 25 सालों में यह पहली बार है जब सिंधिया घराने से कोई भी उम्मीदवार चुनावी मैदान में नहीं है। समर्थक चाहते थे कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को ग्वालियर दक्षिण से प्रत्याशी बनाया जाए लेकिन पांचवीं लिस्ट सामने आने के बाद इस चर्चा पर भी पूर्ण विराम लग गया।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaPublished: Sun, 22 Oct 2023 11:16 PM (IST)Updated: Sun, 22 Oct 2023 11:16 PM (IST)
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (फाइल फोटो)

वीरेंद्र तिवारी, ग्वालियर। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की पांचवीं सूची सामने आते ही लंबे समय से चल रही उस चर्चा पर पूर्ण विराम लग गया, जिसमें पूछा जा रहा था कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी किस सीट से उतारेगी। 25 सालों में यह पहली है जब सिंधिया घराने से कोई भी उम्मीदवार चुनावी मैदान में नहीं है।

बुआ ने चुनाव लड़ने से किया था मना

ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ यशोधरा राजे ने पहले ही चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। इसके बाद चर्चा तेज हो गई थी कि इस बार महल (सिंधिया आवास) से चुनावी मैदान में कौन उतरेगा, क्योंकि यहां की राजनीति हमेशा महल से प्रभावित रही है।

बता दें कि शिवपुरी की सीट पर महल का कब्जा रहा है और 25 सालों से यशोधरा राजे यहां से चुनाव लड़ रही थीं।

लिस्ट में नाम खंगालते रह गई जनता

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही उम्मीदवारों की सूचियां में लोग सिंधिया का नाम खंगाल रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा था कि जब भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार तमाम चेहरे चुनावी मैदान में उतार दिए गए हैं तो फिर सिंधिया का नाम क्यों नहीं है।

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अब जबकि सिंधिया चुनावी मैदान में ही नहीं हैं तो समर्थकों को इस बात डर है कि महाराज के मुख्यमंत्री बनने की संभावनाएं कमजोर पड़ जाएंगी और वह महज दिल्ली के नेता कहलाएंगे।

महल से जुड़े लोग और समर्थक इस बार सिंधिया को किसी मुश्किल सीट पर नहीं देखना चाहत थे। समर्थकों की चाहत थी कि सिंधिया को ग्वालियर दक्षिण से उम्मीदवार बनाया जाए, क्योंकि यहां पर मराठा वोटों की संख्या ज्यादा है।

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