MP Polls 2023: मध्य प्रदेश भाजपा में 33 वर्ष बाद भी नहीं हो पाया पीढ़ी परिवर्तन, पार्टी ने पहली बार उतारे 47 प्रत्याशी
मध्य प्रदेश भाजपा में 33 साल के बाद भी पीढ़ी परिवर्तन नहीं हो पाया है। भाजपा पूरी कोशिश कर रही है कि मध्य प्रदेश में पार्टी का नया नेतृत्व तैयार हो सके मगर कामयाबी नहीं मिल रही। नगरीय निकाय चुनाव में भी भाजपा ने युवाओं को अवसर दिया लेकिन विधानसभा चुनाव में पीढ़ी परिवर्तन के सारे प्रयास धरे के धरे रह गए।
By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Fri, 27 Oct 2023 07:12 PM (IST)
धनंजय प्रताप सिंह, भोपाल। मध्य प्रदेश भाजपा में 33 साल के बाद भी पीढ़ी परिवर्तन नहीं हो पाया है। भाजपा पूरी कोशिश कर रही है कि मध्य प्रदेश में पार्टी का नया नेतृत्व तैयार हो सके मगर कामयाबी नहीं मिल रही। नगरीय निकाय चुनाव में भी भाजपा ने युवाओं को अवसर दिया, लेकिन विधानसभा चुनाव में पीढ़ी परिवर्तन के सारे प्रयास धरे के धरे रह गए।
मौजूदा नेतृत्व चाहे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल हों, सभी साठ की उम्र पार कर चुके हैं। पूर्व सीएम उमा भारती से लेकर कैबिनेट के ज्यादातर सदस्य पार्टी में 30 से 35 साल की उम्र में सक्रिय हुए थे। अब पार्टी का संकट यह है कि कोई भी युवा नेतृत्व प्रदेश में न तो पनप रहा है और न ही मौजूदा नेतृत्व उन्हें आगे बढ़ने दे रहा है। पार्टी ने नए नेतृत्व के लिए संगठन में पीढ़ी परिवर्तन तो कर लिया, लेकिन चुनावी राजनीति में वटवृक्षों के चलते पार्टी नई पीढ़ी को आगे नहीं ला पाई।
मध्य प्रदेश में 18 साल से भाजपा का शासन
भाजपा में पूर्व मुख्यमंत्री सुंदर लाल पटवा और कैलाश जोशी ने 1990 में भाजपा की मौजूदा पीढ़ी को आगे लाए थे तब से सत्ता-संगठन में यही नेता प्रमुख चेहरे बने हुए हैं। प्रदेश में पिछले साढ़े 18 सालों से भाजपा की सरकार रही है। भाजपा ने 2019-20 में संगठन चुनाव में मंडल के अध्यक्ष और पदाधिकारियों के लिए 35 वर्ष की उम्र तय कर पीढ़ी परिवर्तन कर लिया।