MP Assembly Election 2023: 'कुर्सी जाती है तो जाए...', कमलनाथ ने खोले राज 2020 में किस तरह गिरी थी कांग्रेस की सरकार
आगामी चुनाव को लेकर मध्य प्रदेश में ताबड़तोड़ रैली हो रही है। पूर्व सीएम और मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमल नाथ ने नर्मदापुरम में एक चुनावी रैली के दौरान कहा कि 2020 मेरे सीएम बनने के तुरंत बाद एक सौदा हुआ।एक सीएम होने के नाते मैं भी एक सौदा कर सकता था। लेकिन मैंने कहा कि मैं किसी के साथ सौदा नहीं करूंगा। चाहे मेरी कुर्सी जाती है तो जाए...
By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Mon, 13 Nov 2023 03:53 PM (IST)
एएनआई, भोपाल। MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमल नाथ ने सोमवार को मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित किया। पूर्व सीएम ने दावा किया कि 2020 में उनकी सरकार को गिराने के लिए एक सौदा किया गया था। उन्होंने कहा कि कुछ विधायकों ने उनसे संपर्क किया और कहा कि उन्हें करोड़ों रुपये की पेशकश की गई थी लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया, भले ही उन्हें पद गंवाना पड़े।
नर्मदापुरम जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, नाथ ने कहा, "मेरे सीएम बनने के तुरंत बाद, एक सौदा हुआ। एक सीएम होने के नाते, मैं भी एक सौदा कर सकता था। विधायक मेरे पास आते थे और कहते थे कि उन्हें कई करोड़ रुपये की पेशकश की जा रही है लेकिन मैंने कहा कि मैं किसी के साथ डील नहीं करूंगा। कुर्सी जाती है तो जाए...।"
'सौदे पर मैं विधायकों को कहता था मौज करो'
उन्होंने आगे कहा, "जब विधायक मुझसे कहते थे कि उन्हें करोड़ों मिल रहे हैं, तो मैं कहता था मौज करो, मैं किसी के साथ सौदा नहीं कर सकता।" उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने सभी प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि मप्र की पहचान उस राज्य के रूप में हो जहां इस तरह के सौदे होते हैं।#WATCH | On toppling of his govt in 2020, former CM and Madhya Pradesh Congress chief Kamal Nath during an election rally in Narmadapuram says, "Soon after I became the CM, a deal was struck. Being a CM, even I could have made a deal. MLAs used to come to me and say that they… pic.twitter.com/q44f1DHQoI
— ANI (@ANI) November 13, 2023
2018 के चुनाव में कांग्रेस मिली थी बड़ी जीत
आपको मालूम हो कि 2018 के चुनाव में 230 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस 114 सीटें जीतकर सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनकर उभरी थी और भाजपा को 109 सीटें मिली थीं। कांग्रेस बसपा, सपा और निर्दलियों के साथ गठबंधन करने में कामयाब रही और मुख्यमंत्री के रूप में कमल नाथ के साथ सरकार बनाई।