...जब अटल जी ने कांग्रेस के गढ़ में लहराया था जीत का परचम, 1991 लोकसभा चुनाव में MP के इस सीट पर बने थे दिलचस्प समीकरण
Lok Sabha Election जब भाजपा के शीर्ष नेता अटल बिहारी वाजपेयी लखनऊ के अलावा विदिशा लोकसभा सीट से भी मैदान में उतरे थे। चुनाव में अटल जी जीते। पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा बताते हैं कि चुनाव में हार होने के बाद जब संसद के गलिहारे में अटल जी मिले तो उन्होंने आत्मीयता के साथ उन्हें गले लगाया और कहा कि शर्मा जी क्षेत्र में आपका बड़ा दबदबा है।
कुलदीप शर्मा, भोपाल। आज परिस्थतियां कुछ भी हों लेकिन एक दौर था जब विदिशा-रायसेन लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा का दबदबा रहा है। इस सीट से भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने चुनाव जीतने के बाद संसद के गलिहारे में शर्मा से स्वयं कहा था कि क्षेत्र में अच्छा दबदबा है, फाइट अच्छी दी है।
अटल जी ने प्रताप भानु शर्मा को चुनाव में दी शिकस्त
यह बात वर्ष 1991 की है जब भाजपा के शीर्ष नेता अटल बिहारी वाजपेयी लखनऊ के अलावा विदिशा लोकसभा सीट से भी मैदान में उतरे थे। चुनाव में अटल जी जीते, और उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा बताते हैं कि चुनाव में हार होने के बाद जब संसद के गलिहारे में अटल जी मिले तो उन्होंने आत्मीयता के साथ उन्हें गले लगाया और कहा कि शर्मा जी क्षेत्र में आपका बड़ा दबदबा है। चुनाव भी बहुत अच्छी तरह से लड़ा है। मुझे दुख है कि मेरे कारण तुम हारे।
1980 और 1984 में चुनाव जीते थे प्रताप भानु शर्मा
इसके पहले की बात की जाए तो मैकेनिकल इंजीनियर, उद्योगपति और शिक्षाविद प्रताप भानु शर्मा विदिशा रायसेन लोकसभा सीट से वर्ष 1980 और 84 में सांसद का चुनाव जीते थे। उन्होंने ग्रामीण विकास कार्यक्रम को लागू करने और कमजोर वर्गों की मदद करने सहित विभिन्न सामाजिक गतिविधियां भी की हैं। संसद सदस्य के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान स्वरोजगार योजनाओं और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बेरोजगार युवाओं और युवा उद्यमियों की सहायता करना उनकी प्राथमिकता रहा है।दो घंटे में करवा दिया था कलेक्टर का ट्रांसफर
प्रताप भानु शर्मा के रुतबे का अंदाजा एक घटना से लगाया जा सकता है जब उन्होंने दो घंटे में कलेक्टर का ट्रांसफर करा दिया था। शर्मा के अनुसार उनके संसदीय कार्यकाल वर्ष 1981 की बात है जब विदिशा जिला सहकारी बैंक में चयन की प्रक्रिया में कलेक्टर द्वारा हस्तक्षेप किया जा रहा था। चयन सूची जारी होने पर कलेक्टर ने अवैधानिक रूप से रोक लगा दी थी।
शिकायत करने तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के पास भोपाल पहुंचे और उनसे शिकायत की अगर इस तरह की गड़बड़ होगी तो कलेक्टर को हम कलेक्ट्रेट में घुसने भी नहीं देंगे। विरोध- प्रदर्शन भी करेंगे। अर्जुन सिंह ने आश्वासन देते हुए कहा कि आप जाइए, ऐसा कुछ नहीं करना पड़ेगा। हम विदिशा लौटे इसके पहले ही वायरलेस पर ही कलेक्टर को ट्रांसफर आर्डर सुना दिया गया।
राजीव गांधी के मन में थी भव्य राम मंदिर की कल्पना
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी बहुत करीबी और विश्वसनीय रहे शर्मा बताते हैं कि राजीव जी विदिशा में 4 बार आए। इस दौरान उन्होंने कहा भी कि कांग्रेस और राजीव के मन में हमेशा राम बसे हैं। राजीव जी की हमेशा कल्पना रही कि अयोध्या में राम जी का भव्य मंदिर बने। उनके ही प्रयास से राम मंदिर के ताले खुले थे। इसके बाद ही राम मंदिर का मार्ग प्रशस्त हुआ।