Madhya Pradesh: खुले में मांस-मछली की नहीं होगी बिक्री, मोहन यादव सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में हुए यह फैसले
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तत्काल बाद मोहन यादव ने बुधवार को मंत्रालय में कार्यभार संभाला। इसके तत्काल बाद उन्होंने कैबिनेट की पहली बैठक की। इस बैठक में नियमों की अनदेखी कर खुले में मांस-मछली इत्यादि के क्रय-विक्रय पर रोक लगाने की बात कही और कहा कि खाद्य विभाग के नियमों का पालन करना होगा। इसके अलावा भी अन्य फैसले लिए गए।
By Anurag GuptaEdited By: Anurag GuptaUpdated: Thu, 14 Dec 2023 04:01 PM (IST)
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तत्काल बाद मोहन यादव ने बुधवार को मंत्रालय में कार्यभार संभाला। इसके तत्काल बाद उन्होंने कैबिनेट की पहली बैठक की। इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। सभी जिलों में संचालित महाविद्यालयों का प्रधानमंत्री उत्कृष्ठता महाविद्यालय के रूप में उन्नयन किया जाएगा। आदतन अपराधियों पर नकेल कसने की तैयारी, लाउडस्पीकर के अनियंत्रित इस्तेमाल को लेकर भी दिशा-निर्देश जारी किए गए।
15 दिवसीय विशेष अभियान
प्रदेश सरकार ने नियमों की अनदेखी कर खुले में मांस-मछली इत्यादि के क्रय-विक्रय पर रोक लगाने की बात कही और कहा कि खाद्य विभाग के नियमों का पालन करना होगा। हालांकि, सरकार 15 दिनों तक एक विशेष अभियान चलाकर इसकी जानकारी देगी।यह भी पढ़ें: योगी की राह पर चले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, शपथ ग्रहण के बाद दिया ये बड़ा निर्देश
मध्य प्रदेश सरकार के अहम फैसले
- सभी जिलों में संचालित महाविद्यालयों का प्रधानमंत्री उत्कृष्ठता महाविद्यालय के रूप में उन्नयन किया जाएगा।
- उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों में छात्रों की डिग्री/अंकसूची को डिजिलॉकर में अपलोड किया जाएगा।
- आदतन अपराधियों पर शिकंजा कसने की तैयारी। दरअसल, आदतन अपराधियों पर शिकंजा कसना जरूरी है ताकि वे जमानत पर छूटकर फिर से अपराध न करें। ऐसे आदतन अपराधियों के द्वारा पूर्व में किए गए अपराधों में प्राप्त जमानत को सीआरपीसी की धारा 437, 438 एवं 439 के तहत संबंधित न्यायालयों में आवेदन प्रस्तुत कर निरस्त कराने की कार्यवाही करने के दिशा-निर्देश जारी किए गए।
- ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउडस्पीकर/डीजे) के अनियंत्रित व नियम विरुद्ध प्रयोग को प्रतिबंधित करने हेतु दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
- 1 जनवरी, 2024 से साइबर तहसील की व्यवस्था सभी 55 जिलों में लागू होगी। इस संबंध में आदेश जारी किए जा रहे हैं। प्रदेश में बिना आवेदन, नामांतरण और अभिलेख दुरुस्तीकरण की व्यवस्था साइबर तहसील के माध्यम से लागू की गई है। इसमें रजिस्ट्री उपरांत, क्रेता के पक्ष में अविवादित नामांतरण फेसलेस, पेपरलेस तरीके से ऑनलाइन प्रक्रिया के द्वारा 14 दिन में बिना आवेदन के और बिना तहसील के चक्कर लगाए स्वत: ऑटोमेटिक तरीके से हो जाता है और खसरे और नक्शे में भी क्रेता का नाम चढ़ जाता है।
- तेंदुपत्ता संग्रहण दर 3,000 रुपये प्रति बोरा से बढ़ाकर 4,000 रुपये प्रति बोरा करने के आदेश जारी किए जा रहे हैं।
- प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में बिना लायसेंस के खुले में अवैध रूप से मांस-मछली आदि का क्रय-विक्रय प्रतिबंधित करने हेतु 15 दिवस का विशेष अभियान चलाए जाने के दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे है।