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MP Election 2023: कांग्रेस प्रत्याशियों के नामों पर जल्द फैसला ले सकती है कांग्रेस, नेताओं से पूछी जाएगी पसंद

मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Election 2023) के लिए कांग्रेस (Congress) का प्रत्याशियों के नामों पर फोकस है। इसलिए कांग्रेस पार्टी प्रत्याशियों की पहली सूची के लिए सर्वे करा रही है। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी द्वारा कार्यकर्ताओं से भी प्रत्याशियों के संबंध में जानकारी मांगी जा रही है। साथ ही कांग्रेस पार्टी ने ब्लॉक पदाधिकारियों को भोपाल बुलाया है।

By Jagran NewsEdited By: Mohd FaisalUpdated: Mon, 28 Aug 2023 10:05 PM (IST)
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MP Election 2023: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ (फाइल फोटो)

भोपाल, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Election 2023) के लिए कांग्रेस (Congress) का प्रत्याशियों के नामों पर फोकस है। इसलिए कांग्रेस पार्टी प्रत्याशियों की पहली सूची के लिए सर्वे करा रही है। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी द्वारा कार्यकर्ताओं से भी प्रत्याशियों के संबंध में जानकारी मांगी जा रही है।

ब्लॉक से लेकर प्रदेश पदाधिकारियों से पूछेगी पसंद

जानकारी के अनुसार, कांग्रेस पार्टी ने तय किया है कि वे विधानसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के नामों के लिए ब्लॉक से लेकर प्रदेश पदाधिकारियों से भी पूछेगी। कांग्रेस पार्टी ने ब्लॉक पदाधिकारियों को भोपाल भी बुलाया है।

पहली लिस्ट में 100 से अधिक नामों का हो सकता है एलान

इसके अलावा कांग्रेस पार्टी सांसद, पूर्व सांसद, विधायक, पूर्व विधायक और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधियों से भी स्क्रीनिंग कमेटी संभावित दावेदारों को लेकर चर्चा करेगी। बता दें कि प्रदेश कांग्रेस की योजना पहली सूची में 100 से अधिक सीटों पर प्रत्याशियों के नामों के एलान करने की है। इस लिस्ट में वो सीटें शामिल होंगी, जहां पार्टी को लगातार हार मिली है।

चार सितंबर को भोपाल में होगी बैठक

इसके अलावा प्रत्याशियों को अपनी दावेदारी का आधार और जाति-उप जाति के बारे में भी बताना होगा। चार सितंबर को होने वाली ब्लॉक इकाइयों के पदाधिकारियों से दावेदारों के बारे में पक्ष लिया जाएगा। पार्टी प्रत्याशी घोषित करने से पहले सभी स्तर पर सहमति बनाने का प्रयास कर रही है, ताकि बाद में खींचतान न हो।

वरिष्ठ नेताओं का होगा समन्वय बनाने का जिम्मा

उधर, पार्टी ने तय किया है कि जिलों में समन्वय बनाने का काम वरिष्ठ नेताओं का होगा। इससे पहले जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर विरोध हो चुका है। माना जा रहा है कि प्रत्याशी घोषित होने के बाद भी कुछ स्थानों पर विरोध होगा। इसका असर पार्टी की चुनावी संभावनाओं पर न पड़े, इसलिए समन्वय बनाने का काम वरिष्ठ नेता करेंगे।