Madhya Pradesh election 2023 voting on 17 Nov मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर आज यानी 17 नवंबर को मतदान हो रहा है और इसी के साथ 2533 उम्मीदवार की किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी। वहीं बुधनी छिंदवाड़ा और राघौगढ़ समेत प्रदेश की कई सीटों पर कड़ा मुकाबला है जिसमें शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ समेत कई दिग्गज नेताओं की साख दांव पर है।
By Jagran NewsEdited By: Deepti MishraUpdated: Fri, 17 Nov 2023 07:32 AM (IST)
ऑनलाइन डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर आज यानी 17 नवंबर को मतदान हो रहा है और इसी के साथ 2,533 उम्मीदवार की किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी। वहीं बुधनी, छिंदवाड़ा और राघौगढ़ समेत प्रदेश की कई सीटों पर कड़ा मुकाबला है, जिसमें शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ समेत कई दिग्गज नेताओं की साख दांव पर है।
मध्यप्रदेश की जिन 230 सीटों पर मतदान हो रहा है, उनमें से 34 सीटें चंबल, 26 सीटें बुंदेलखंड, 30 सीटें बघेलखंड, 55 सीटें मालवा, 18 सीटें निमाड़, 47 सीटें महाकौशल, 20 सीटें भोपाल क्षेत्र से हैं। इन सीटों पर 2,280 पुरुष, 252 महिलाएं और एक थर्ड जेंडर समेत 2533 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर है। पांच करोड़ 60 लाख 58 हजार 521 मतदाता 64,626 मतदान केंद्रों पर जाकर वोट डालेंगे।
बता दें कि भाजपा और कांग्रेस ने सभी 230 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि बसपा ने 181, सपा ने 71 और आप ने 66 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए हैं।
पढ़िए, मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की किन सीटों पर कांटे की टक्कर...
बुधनी: शिवराज के सामने हैं 'हनुमान'
सीहोर जिले में पड़ने वाली बुधनी विधानसभा सीट मौजूदा सीएम शिवराज सिंह चौहान का गढ़ है। शिवराज सिंह हर बार की तरह इस बार इसी सीट से चुनावी मैदान में हैं। कांग्रेस ने शिवराज के सामने इस बार चुनावी मैदान में टीवी सीरियल रामायण में हनुमान का किरदार निभाने वाले विक्रम मस्तल को मैदान में उतारा है।
साल 2018 की बात करें तो बुधनी विधानसभा सीट पर शिवराज के सामने कांग्रेस ने अरुण यादव को टिकट दिया था। तब शिवराज सिंह ने उन्हें 58,999 मतों से हराया था।
दिमनी: यहां मुकाबला है तोमर Vs तोमर
मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा सीट खासा चर्चा में है। दिमनी सीट से भाजपा ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को चुनावी मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने इस सीट पर मौजूदा विधायक रविंद्र तोमर को फिर से टिकट दिया है। वहीं पूर्व विधायक बलवीर दंडोतिया बसपा के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। ऐसे में दिमनी विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला हो गया है।
नरसिंहपुर: पटेल Vs पटेल
नरसिंहपुर विधानसभा सीट पर इस बार बेहद कांटे की टक्कर है और मुकाबला भी काफी रोचक है। दरअसल, भाजपा ने मौजूदा विधायक जालम सिंह पटेल को टिकट नहीं दिया। उनकी जगह उनके बड़े भाई और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल को टिकट दे दिया। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल के सामने कांग्रेस ने लखन सिंह पटेल को मैदान में उतारा है।बता दें कि जालम सिंह यहां से लगातार दो बार विधायक रहे हैं और इस बार उनके बड़े भाई यहां से चुनावी मैदान में हैं।
दतिया: नरोत्तम मिश्रा के सामने हैं राजेंद्र भारती
दतिया विधानसभा सीट राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की पारंपरिक सीट है। भाजपा के टिकट पर नरोत्तम मिश्रा इस बार भी दतिया सीट से ही मैदान में हैं, जबकि कांग्रेस ने नरोत्तम मिश्रा को टक्कर देने के लिए राजेंद्र भारती को टिकट दिया है। साल 2018 में नरोत्तम मिश्रा ने 2,656 वोटों से मुकाबला जीता था।
इंदौर-1: कैलाश विजयवर्गीय और संजय शुक्ला के बीच है टक्कर
इंदौर राजनीतिक तौर पर काफी अहम है। इस बार इंदौर-1 विधानसभा सीट पर भाजपा के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय चुनावी मैदान में हैं। कांग्रेस ने कैलाश विजयवर्गीय के सामने संजय शुक्ला को टिकट दिया है। बता दें कि कैलाश विजयवर्गीय 10 साल बाद फिर से चुनावी मैदान में हैं। इससे पहले वह इंदौर में अलग-अलग सीटों से लगातार छह बार चुनाव जीते।
निवास: फग्गन सिंह कुलस्ते के सामने हैं चैन सिंह
मंडला जिले की निवास विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते मैदान में हैं, जबकि उनके सामने कांग्रेस ने चैन सिंह वरकड़े को खड़ा किया है। बता दें कि साल 2018 में इस सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी।
छिंदवाड़ा: कमलनाथ के गढ़ में विवेक ने ठोकी ताल
मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा विधानसभा सीट पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ की राजनीतिक कर्मभूमि मानी जाती है। छिंदवाड़ा से कई बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले कमलनाथ अब यहां से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। कमलनाथ को टक्कर देने के लिए भाजपा ने विवेक बंटी साहू को टिकट देकर मैदान में उतारा है।बता दें कि साल 2018 में कांग्रेस प्रत्याशी दीपक सक्सेना ने भाजपा के चौधरी चंद्रभान को मात दी थी। हालांकि, बाद में कमलनाथ मुख्यमंत्री बने तब दीपक सक्सेना से छिंदवाड़ा विधानसभा सीट छोड़ दी और फिर यहां पर उपचुनाव हुए जिसमें कमलनाथ 25 हजार से ज्यादा वोटों से जीते थे।
राघौगढ़: दिग्विजय की पारंपरिक सीट से मैदान में बेटा
गुना जिले की राघौगढ़ विधानसभा सीट पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की पारंपरिक सीट मानी जाती है। इस बार यहां से कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा ने जयवर्धन सिंह को टक्कर देने के लिए हीरेंद्र सिंह बंटी बन्ना को टिकट दिया है।
बता दें कि 2018 के चुनाव में जयवर्धन सिंह को 46 हजार से अधिक वोटें से जीत मिली थी। साल 2003 में शिवराज सिंह ने राघौगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
लहार: 7 बार MLA रहे गोविंद सिंह के सामने हैं BJP के अंबरीश
भिंड जिले की लहार विधानसभा सीट पर पिछले 10 चुनावों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। लहार विधानसभा सीट इस बार फिर नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के दिग्गज नेता डॉ. गोविंद सिंह मैदान में हैं। भाजपा ने गोविंद सिंह के सामने बरीश शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है। गोविंद सिंह सात बार विधायक रह चुके हैं और इस सीट से 1990 से लगातार चुनाव जीतते आए हैं।
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