तीनों राज्यों में फुस्स रहा AAP का प्रदर्शन, क्या केजरीवाल के लिए बड़ा झटका? राष्ट्रीय विस्तार पर लगा ब्रेक
इसके इतर इसी साल राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने वाली आम आदमी पार्टी ने मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पूरे दमखम से चुनाव लड़ा। पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ में कई रैलियां और रोड शो किए थे। बावजूद इसके आप को इन चुनावों में मुंह की खानी पड़ी है।
By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Sun, 03 Dec 2023 04:12 PM (IST)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में काउंटिंग जारी है। जहां बीजेपी मध्य प्रदेश में प्रचंड़ जीत के साथ छत्तीसगढ़, राजस्थान में सरकार बनाने के करीब है तो वहीं, तेलंगाना में कांग्रेस पहली बार सरकार बन सकती है।
इसके इतर इसी साल राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने वाली आम आदमी पार्टी ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पूरे दमखम से चुनाव लड़ा। पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ में कई रैलियां और रोड शो किए थे। बावजूद इसके 'आप' को इन चुनावों में मुंह की खानी पड़ी है।
चुनाव में कोई खास छाप नहीं छोड़ पाई AAP
चुनाव आयोग के अभी तक के आंकड़े को देखें तो आम आदमी पार्टी, चुनाव में कोई खास छाप नहीं छोड़ पाई है। सीएम अरविंद केजरीवाल गुरजात विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने के बाद मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में भी पार्टी की वोट शेयर बढ़ाने पर काम कर रहे थे, लेकिन इस बार 'आप' की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।AAP की राष्ट्रीय विस्तार की गति तय करेगा यह चुनाव
बता दें कि आम आदमी पार्टी को अप्रैल 2023 को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला था। इन तीन राज्यों के चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इस चुनाव के नतीजे उनके राष्ट्रीय विस्तार की गति को तय करेगा। सीएम केजरीवाल सहित आप के कई नेता एक्साइज घोटाले में सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं, ऐसे में इन तीनों राज्यों के नतीजे आम आदमी पार्टी को नई ताकत दे सकते हैं।
सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई
आम आदमी पार्टी के अपने विस्तारवादी नीति के तहत मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 70 से ज्यादा उम्मीदवार उतारे थे, राजस्थान की 199 विधानसभा सीटों में से पार्टी ने 88 प्रत्याशी और छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में से 57 उम्मीदवार उतारे थे। मगर, केजरीवाल को तीनों ही राज्यों से तगड़ा झटका लगा है। आप का कोई भी कैंडिडेट छाप छोड़ने में नाकाम रहा। सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई है।