MP Election 2023: विधानसभा चुनाव से पहले BJP को लगा बड़ा झटका, MLA वीरेंद्र रघुवंशी ने पार्टी से दिया इस्तीफा
मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने गुरुवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से अपने इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने दावा किया कि पार्टी में उन्हें नजरअंदाज किया गया। शिवपुर जिले की कोलारस विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले रघुवंशी ने कहा कि उन्होंने पिछले तीन-पांच वर्षों में अपने दर्द के बारे में मुख्यमंत्री को सूचित किया है।
By Jagran NewsEdited By: Achyut KumarUpdated: Thu, 31 Aug 2023 12:07 PM (IST)
भोपाल, जागरण डिजिटल डेस्क। MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। शिवपुरी के कोलारस से विधायक वीरेंद्र रघुवंशी (Kolaras MLA Virendra Raghuwanshi) ने गुरुवार को भाजपा से इस्तीफा देने की घोषणा की। उन्होंने पार्टी के ऊपर खुद को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
किसी ने भी मेरे 'दर्द' पर नहीं दिया ध्यान: वीरेंद्र रघुवंशी
मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा को संबोधित पत्र में वीरेंद्र रघुवंशी ने कहा कि उन्होंने पिछले तीन-पांच वर्षों में अपने 'दर्द' के बारे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और शीर्ष नेतृत्व को सूचित किया था, लेकिन किसी ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया।
मेरे जैसे पार्टी कार्यकर्ताओं को किया जा रहा नजरअंदाज: रघुवंशी
रघुवंशी ने अपने पत्र में कहा, ''ग्वालियर-चंबल संभाग में मेरे जैसे पार्टी कार्यकर्ताओं को नए आए भाजपा सदस्यों द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा था। हालांकि, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में हमने पार्टी के लिए समर्पित रूप से काम किया था।”रघुवंशी ने आरोप लगाया कि उनके द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न करने और उन्हें और उनके कार्यकर्ताओं को परेशान करने के लिए कोलारस निर्वाचन क्षेत्र में भ्रष्ट अधिकारियों को तैनात किया जा रहा है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया पर साधा निशाना
कोलारस से विधायक रघुवंशी ने भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी निशाना साधा, जिन्होंने 2020 में कांग्रेस छोड़ दी थी, जिसके बाद कई कांग्रेस विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया और सत्तारूढ़ दल में शामिल हो गए।रघुवंशी ने दावा किया, जब 2020 में राज्य की कांग्रेस सरकार गिर गई, तो उन्होंने (सिंधिया) कहा था कि वादे के मुताबिक किसानों का 2 लाख रुपये का कर्ज माफ नहीं किया जा रहा है, लेकिन भाजपा सरकार बनने के बाद सिंधिया ने कर्जमाफी के बारे में बात तक नहीं की।