MP Election 2023: भाजपा ने बदली अपनी रणनीति, 15 साल पुराने गेम पर चलेगा टिकट का खेल
MP Election 2023 BJP List एमपी चुनाव में पल-पल बदल रहे समीकरणों के बीच पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस को मात देने के लिए अब भाजपा दूसरी सूची में अनुसूचित जाति(एससी) व अनुसूचित जनजाति(एसटी) सीटों के ज्यादातर प्रत्याशी घोषित कर सकती है। खासतौर से जिन सुरक्षित सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है उन सीटों के प्रत्याशी घोषित होने की संभावना है।
By Narender SanwariyaEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Wed, 06 Sep 2023 06:30 AM (IST)
भोपाल, जेएनएन। भाजपा के दिग्गज नेताओं का मानना है कि ये तो हमें भी मालूम है कि हमारे विधायक जहां क्षेत्र में समय नहीं दे पाए या लोगों के सुख-दुख से दूर रहे ,उनकी हालत पतली है और वे चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं हैं। जब पार्टी ऐसे विधानसभा क्षेत्रों में नए प्रत्याशियों को उतारेगी तो न सिर्फ लोगों की नाराजगी दूर होगी बल्कि एंटीइनकमबेंसी जैसी स्थितियां भी स्वत: खत्म हो जाएंगी। भाजपा इस बार भी वही तरीका अपनाएगी जो उसने 2008 और 2013 में अपनाया था । इन दोनों चुनाव में पार्टी ने 70 के लगभग नए प्रत्याशी उतारे थे। इस बार भी पार्टी के अभी तक के सर्वे और खुफिया रिपोर्ट में 80 के लगभग विधायकों को हारने वालों की श्रेणी में रखा गया है। पार्टी नेताओं का दावा है कि ऐसे सभी कमजोर प्रत्याशियों को पार्टी बदल देगी । उन हालात में भीतरघात या बागी जैसे हालात न बने,इसके लिए भी पार्टी ने बी प्लान बनाया हुआ है। यही वजह है कि भाजपा विधायकों वाली सीटों की टिकट अंतिम चरण में जारी करेगी। पार्टी ने पहले चरण में 39 प्रत्याशी घोषित किए हैं।
एमपी चुनाव में पल-पल बदल रहे समीकरणों के बीच पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस को मात देने के लिए अब भाजपा दूसरी सूची में अनुसूचित जाति(एससी) व अनुसूचित जनजाति(एसटी) सीटों के ज्यादातर प्रत्याशी घोषित कर सकती है। खासतौर से जिन सुरक्षित सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है उन सीटों के प्रत्याशी घोषित होने की संभावना है। भाजपा ने पहली सूची में एससी व एसटी के 21 उम्मीदवारों की घोषणा की थी। एससी व एसटी के लिए प्रदेश में 82 सीटें सुरक्षित हैं। इनमें से 47 एसटी और 35 एससी के लिए सुरक्षित हैं।
पार्टी नेताओं का मानना है कि दूसरी सूची में भाजपा बड़ा उलटफेर कर सकती है। पार्टी कई हारी हुई सीटों पर नए चेहरों को उतारने के साथ कई विधायकों के टिकट भी काट सकती है। जन आशीर्वाद यात्राएं प्रारंभ होने के कारण दूसरी सूची पर अंतिम दौर की चर्चा नहीं हो पाई है। माना जा रहा है कि इसी या अगले सप्ताह सूची को केंद्रीय चुनाव समिति के समक्ष विचार के लिए भेजा जा सकता है। भाजपा ने सभी दलों को चौंकाते हुए प्रदेश की 39 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। इनमें से 13 अनुसूचित जनजाति (एसटी) आठ अनुसूचित जाति (एससी) और 18 सामान्य सीटें हैं। ये सभी भाजपा की हारी हुई सीटें हैं।
अब दूसरी सूची में पार्टी उन सीटों पर फोकस कर रही है, जहां अनुसूचित जाति और जनजाति के कांग्रेस विधायक हैं। दरअसल, 2018 में भाजपा को सुरक्षित सीटों पर बड़ा नुकसान हुआ था। पार्टी एसटी वर्ग की 47 में मात्र 16 सीटें ही जीत पाई थी। जबकि, 2013 में पार्टी के पास एक निर्दलीय समर्थक के साथ 32 सीटें थी। एससी वर्ग में भी भाजपा के पास 28 सीटें थीं, लेकिन 2018 के चुनाव में मात्र 18 सीटें ही बच पाई थीं। यही कारण है है कि भाजपा ने केंद्रीय स्तर से इन सीटों पर कई बार सर्वे करवाया है।
कांग्रेस 100 सीटों पर प्रत्याशी कर सकती है घोषित
उधर, कांग्रेस टिकट के दावेदारों को लेकर ब्लाक से लेकर प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों के साथ रायशुमारी कर चुकी है। तीन दिन तक प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला और स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह और सदस्यों ने जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी, ब्लाक अध्यक्ष, सांसद, पूर्व सांसद, विधायक, पूर्व विधायक और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। चुनाव समिति के सदस्यों से फीडबैक लिया गया।
अब 11 और 12 सितंबर को दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ दावेदारों के नाम पर विचार होगा और फिर स्क्रीनिंग कमेटी संभावित प्रत्याशियों की सूची तैयार करेगी। पहले उन सीटों के प्रत्याशियों के नाम घोषित किए जाएंगे, जिनको लेकर आम सहमति है। इसमें अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लिए सुरक्षित सीटें भी शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि जिन वर्तमान विधायकों को चुनाव लड़ाया जाना है, उन्हें इशारा भी कर दिया गया है। 15 सितंबर के बाद पार्टी प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर सकती है, जिसमें लगभग सौ नाम रहेंगे।