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MP Election 2023: BJP के मास्टर स्ट्रोक से सदमें में कांग्रेस, दिग्गजों के सहारे साध रही समीकरण

MP Election 2023 भाजपा ने अपने दिग्गज नेताओं को चुनाव मैदान में उतारकर मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाने का प्रयास किया है। इससे भौगोलिक जातिगत और सियासी समीकरण साधने का काम भी किया है। राकेश सिंह को चुनाव मैदान में उतारकर महाकोशल के समीकरणों को साधा गया है। पटेल लोधी समाज से आते हैं तो कुलस्ते आदिवासी और राकेश सवर्ण वर्ग से हैं।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Wed, 27 Sep 2023 07:05 AM (IST)
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MP Election 2023: BJP के मास्टर स्ट्रोक से सदमें में कांग्रेस, दिग्गजों के सहारे साध रही समीकरण
भोपाल, सौरभ सोनी। भाजपा ने अपने दिग्गज नेताओं को चुनाव मैदान में उतारकर मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाने का प्रयास किया है। इससे भौगोलिक, जातिगत और सियासी समीकरण साधने का काम भी किया है। पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के माध्यम से मालवांचल में संदेश देने का काम किया गया है तो प्रहलाद सिंह पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते और राकेश सिंह को चुनाव मैदान में उतारकर महाकोशल के समीकरणों को साधा गया है। पटेल लोधी समाज से आते हैं तो कुलस्ते आदिवासी और राकेश सवर्ण वर्ग से हैं।

इसी तरह विंध्य में ओबीसी नेता गणेश सिंह और रीति पाठक के माध्यम से स्थानीय और जातीय समीकरण पर काम किया है। ग्वालियर-चंबल अंचल में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के माध्यम से संदेश देने का काम किया है। जाहिर है इन सभी नेताओं को मैदान में उतार कर भाजपा ने कांग्रेस की रणनीति पर पानी फेर दिया है।

भाजपा ने तीन विधायकों के टिकट काटे हैं। मैहर, नरसिंहपुर और सीधी के विधायकों का टिकट काटकर नए चेहरों पर दांव लगाया है। पार्टी ने अब तक 75 हारी हुई सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है।

अपने- अपने गढ़ के क्षत्रप है केंद्रीय मंत्री और सांसद

भाजपा की 39 प्रत्याशियों की दूसरी सूची में तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारा गया है। जिन केंद्रीय मंत्रियों एवं बड़े नेताओं को विधानसभा चुनाव में उतारा गया है, वे सभी अपने-अपने गढ़ के क्षत्रप हैं। इनमें चार बड़े नेता मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी हैं, लेकिन पार्टी ने इस बार मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का कोई एक चेहरा तय नहीं किया है।

इससे साफ है कि इन बड़े नेताओं को अपने अपने क्षेत्र संभालने होंगे, चुनाव जीतना और जिताना भी होगा। इनमें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (ग्वालियर-चंबल), प्रहलाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते, लोकसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह (महाकोशल), राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (मालवांचल) शामिल हैं। अन्य सांसदों में गणेश सिंह, राव उदय प्रताप सिंह और रीति पाठक को भी चुनाव में उतारा है।

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भाजपा ने दो माह में दो सूची जारी कर 78 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारे हैं। 39 प्रत्याशियों की पहली 17 अगस्त और 39 नामों की दूसरी सूची 25 सितंबर को जारी की गई। इनमें 23 नाम ऐसे हैं जिन्हें वर्ष 2018 के चुनाव में हार मिली थी। भाजपा ने इन प्रत्याशियों पर एक बार फिर दाव लगाया है। वे जिस विधानसभा से हारे पार्टी ने उन प्रत्याशियों को उसी विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है।

2018 के चुनाव में हारे इन नेताओं पर लगाया दांव

विधानसभा-- प्रत्याशी श्योपुर-- दुर्गादास विजय डबरा-- इमरती देवी कोतमा-- दिलीप जायसवाल खिलचीपुर-- हजारी लाल दांगी शाजापुर-- अरूण भीमावत राजपुर-- अंतर सिंह पटेल थांदला-- कल सिंह भंवर गंधवानी सरदास सिंह मेड़ा देपालपुर -- मनोज पटेल मैहर -- श्रीकांत चतुर्वेदी सुमावली-- एंदल सिंह कंसाना छिंदवाड़ा -- विवेक बंटी साहू गोहद-- लाल सिंह आर्य पिछोर-- प्रीतम लोधी पथरिया-- लखन पटेल गुन्नौर-- राजेश कुमार वर्मा चित्रकूट -- सुरेंद्र सिंह गहरवार जबलपुर पूर्व -- अंचल सोनकर शाहपुर-- ओमप्रकाश धुर्वे सौंसर-- नाना भाऊ मोहोड़ भैंसदेही-- महेंद्र सिंह चौहान महेश्वर-- राजकुमार मेव कसरावद-- आत्माराम पटेल अलीराजपुर--

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