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MP Election 2023: जाति आधारित गणना से OBC मतदाताओं को साधने में जुटी कांग्रेस, चुनाव से पहले बड़े उलटफेर की तैयारी

मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां ओबीसी निर्णायक भूमिका में हैं। यही कारण है कि पार्टी ने इस बार 64 प्रत्याशी OBC दिए हैं। कांग्रेस ने सरकार बनने पर जाति आधारित गणना कराने की गारंटी दी है। यह दावा किया जा रहा है कि पहले जिन गारंटियों के आदेश जारी होंगे उसमें यह भी शामिल होगी।

By Jagran NewsEdited By: Shubham SharmaUpdated: Thu, 09 Nov 2023 05:15 AM (IST)
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जाति आधारित गणना से OBC मतदाताओं को साधने में जुटी कांग्रेस।

वैभव श्रीधर, भोपाल। मध्य प्रदेश में सत्ता के समीकरण साधने के लिए कांग्रेस जाति आधारित गणना के मुद्दे को हवा देने में जुट गई है। पार्टी ने अपने सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के नेताओं को जिम्मा दिया है कि वे यह बात लोगों को समझाएं कि जाति आधारित गणना उनके लिए कितनी महत्वपूर्ण है और इसका लाभ क्या होगा। बिहार का उदाहरण भी सामने रखें ताकि बात प्रमाणिक हो।

230 विधानसभा सीट

दरअसल, प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां ओबीसी निर्णायक भूमिका में हैं। यही कारण है कि पार्टी ने इस बार 64 प्रत्याशी ओबीसी दिए हैं। कांग्रेस ने सरकार बनने पर जाति आधारित गणना कराने की गारंटी दी है। यह दावा किया जा रहा है कि पहले जिन गारंटियों के आदेश जारी होंगे, उसमें यह भी शामिल होगी। इसके पीछे उद्देश्य प्रदेश के पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं को साधने का है।

2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सरकारी नौकरियों में ओबीसी आरक्षण बढ़ाने का दांव चला था।कमल नाथ सरकार ने ओबीसी आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने संशोधन भी कर दिया था, यद्यपि यह अभी तक पूरी तरह लागू नहीं हो पाया है। पिछड़ा वर्ग से आने वाले राजमणि पटेल को राज्य सभा भी विंध्य क्षेत्र के ओबीसी को संदेश देने के लिए भेजा गया था।

ओबीसी समाज को संदेश देने का काम 

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस का पिछले विधानसभा चुनाव में सबसे निराशाजनक प्रदर्शन विंध्य अंचल में ही रहा था। इस बार यह स्थिति न बने, इसलिए सिहावल से विधायक और पार्टी प्रत्याशी कमलेश्वर पटेल को आगे बढ़ाया गया है। सतना से विधायक और प्रत्याशी सिद्धार्थ कुशवाहा को पार्टी के ओबीसी विभाग का अध्यक्ष बनाकर पूरे समाज को संदेश देने का काम किया है।

महिता कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष विभा पटेल भी पिछड़ा वर्ग से आती हैं। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और मोर्चा-प्रकोष्ठों के प्रभारी जेपी धनोपिया का कहना है कि जाति आधारित गणना हमारी प्रमुख गारंटियों में शामिल हैं। यह क्रांतिकारी कदम है, जिससे ओबीसी की स्थिति का आकलन होगा और उसके आधार पर कार्ययोजना बनेंगी।

मतदाताओं को इसका महत्व बताने-समझाने के लिए पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता और प्रत्याशी जुटे हैं। पिछड़ा वर्ग से जुड़े मोर्चा-प्रकोष्ठों भी सक्रिय किया गया है ताकि वे पार्टी की भावना से मतदाताओं को अवगत करा सकें।

उधर, प्रदेश कांग्रेस के पिछड़ा वर्ग विभाग के कार्यकारी अध्यक्ष पवन पटेल को ओबीसी बहुल क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार का दायित्व दिया है।

कांग्रेस को ओबीसी विरोधी बता रही भाजपा

उधर, भाजपा भी कांग्रेस को ओबीसी विरोधी बताकर घेराबंदी कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर सभी वरिष्ठ नेता जाति आधारित गणना को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधे रहे हैं। यह आरोप लगाया जा रहा है कि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में कभी एक भी ओबीसी मुख्यमंत्री नहीं दिया।

27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ यदि पिछड़ा वर्ग को नहीं मिला तो इसका कारण भी कांग्रेस है क्योंकि अधिनियम में ऐसा संशोधन किया जो न्यायालय में टिक ही नहीं सका। नगरीय निकाय चुनाव में भी ओबीसी आरक्षण के लाभ से वंचित करने का प्रयास किया। जबकि, भाजपा सरकार के प्रयासों के कारण केवल तीन भर्ती परीक्षाओं को छोड़ देें तो सबमें 27 प्रतिशत का लाभ मिला। पार्टी ने 66 ओबीसी प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं।

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