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MP Election 2023: चुनाव से पहले फिर निकला स्मार्ट सिटी का जिन्न, इंदौर को ग्रीन हब बनाने की कवायद शुरू

MP Election 2023 शहर के हरित क्षेत्र को बढ़ाने के उद्देश्य से खुले क्षेत्रों में सघन पौधारोपण भी किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तहत दो उमंग वाटिकाओं को आदर्श वाटिका के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके बाद इसी तर्ज पर 100 अन्य वाटिकाओं को विकसित किया जाएगा। खुले क्षेत्र में पौधारोपण करने के बाद कंपनी को नियमित निगरानी करना होगी।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Thu, 07 Sep 2023 06:30 AM (IST)
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एमपी चुनाव से पहले इंदौर को ग्रीन हब बनाने की कवायद शुरू हो गई है।

इंदौर, जेएनएन। देश के सबसे स्वच्छ और स्मार्ट शहर को ग्रीन सिटी बनाने की कवायद अब शुरू हो गई है। नगर निगम ने इसके लिए ग्रीन प्लान तैयार कर भी लिया है। हरियाली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अब पेड़ों की जियो टैगिंग की जाएगी। नगर निगम सीमा में एक-एक पेड़ की गिनती होगी। पेड़ों की सेहत पर सतत निगरानी के लिए एक एप बनाया जाएगा। समय-समय पर पेड़ों की स्थिति की जानकारी अपडेट की जाएगी। हर छह माह में आडिट किया जाएगा ताकि हरियाली की वास्तविक स्थिति पता चल सके। इस एप को 311 एप सेवा से भी जोड़ा जाएगा।

पेड़ की वास्तविक स्थिति की जानकारी

आम नागरिक भी इस एप पर जाकर पेड़ की वास्तविक स्थिति की जानकारी ले सकेंगे। ग्रीन सिटी प्रोजेक्ट के लिए निविदा जारी हो चुकी है। इसी माह एजेंसी तय भी हो जाएगी। नगर निगम ग्रीन सिटी प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी कंपनी के माध्यम से चलाएगा। निविदा में सफल होने वाली कंपनी को सबसे पहले पेड़ों की गिनती और जियो टैगिंग का काम करना होगा। प्रोजेक्ट पांच वर्ष के लिए बनाया गया है। कंपनी को सिर्फ पेड़ों की गिनती और जियो टैगिंग ही नहीं करना है बल्कि उसे पेड़ों की प्रजातियों का दस्तावेजीकरण भी करना होगा। कंपनी नगर निगम और आइएससीडीएल के साथ समन्वय और निगरानी में काम करेगी। हर छह माह के अंतराल में पेड़ों की गणना की जाएगी ताकि पता चल सके कि कहीं किसी पेड़ की अवैध कटाई तो नहीं हुई है।

खुले क्षेत्रों में किया जाएगा सघन पौधारोपण

शहर के हरित क्षेत्र को बढ़ाने के उद्देश्य से खुले क्षेत्रों में सघन पौधारोपण भी किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तहत दो उमंग वाटिकाओं को आदर्श वाटिका के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके बाद इसी तर्ज पर 100 अन्य वाटिकाओं को विकसित किया जाएगा। खुले क्षेत्र में पौधारोपण करने के बाद कंपनी को नियमित निगरानी करना होगी। समय-समय पर पेड़ों की स्थिति एप्लीकेशन पर अपलोड भी करना होगी।

29 गांव शामिल होने के बाद बढ़ा प्रतिशत

मास्टर प्लान में शहर में हरियाली का प्रतिशत भले ही 15 बताया जाता हो, लेकिन वास्तविकता यह है कि यह 10 प्रतिशत से भी कम है। शहरी क्षेत्र में तो स्थिति बहुत खराब है। ग्रीन बेल्ट की जमीन पर कई जगह रहवासी बस्तियां हैं। नगर निगम सीमा में 29 गांव शामिल होने के बाद हरित क्षेत्र जरूर बढ़ा है। ग्रीन ट्रिब्यूनल पेड़ों की गिनती को लेकर कुछ समय पहले आदेश भी दे चुका है।

हरित क्षेत्र बढ़ाना है लक्ष्य

हमारा लक्ष्य आने वाले पांच वर्ष में हरित क्षेत्र को दोगुना करना है। हमने इसके लिए प्रोजेक्ट तैयार किया है। निविदाएं भी जारी कर दी हैं। पेड़ों की गिनती होगी और प्रत्येक पेड़ की जियो टैगिंग भी की जाएगी। (दिव्यांक सि, अपर आयुक्त और सीईओ स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट)