MP Election 2023: सावधान! अगर कोई आपका वोट डाल जाए तो क्या करें, ये है मताधिकार का उपयोग करने की आसान प्रक्रिया
प्रतिनिधि मतदान के दौरान कई बार ऐसी स्थिति बनती है जब कोई मतदाता मतदान केंद्र पर पहुंचता है और उसे पता चलता है कि उसका वोट तो पहले ही डाला जा चुका है। धारा 49 (पी) वास्तविक मतदाता को अधिकार के उपयोग की अनुमति देती है। मतदान के दौरान वोट डल जाने के बाद भी वास्तविक मतदाता जाकर मतदान की अपील कर सकता है।
जेएनएन, राजगढ़। प्रतिनिधि मतदान के दौरान कई बार ऐसी स्थिति बनती है जब कोई मतदाता, मतदान केंद्र पर पहुंचता है और उसे पता चलता है कि उसका वोट तो पहले ही डाला जा चुका है। ऐसी स्थिति में अक्सर मतदाता कुछ नाराजगी जाहिर करते हैं और उल्टे पांव लौट जाते हैं, लेकिन मत चोरी हो जाने पर मतदाताओं को निराश होने की जरुरत नहीं है।
धारा 49 (पी) वास्तविक मतदाता को अधिकार के उपयोग की अनुमति देती है। मतदान के दौरान वोट डल जाने के बाद भी वास्तविक मतदाता जाकर मतदान की अपील कर सकता है। जो भी व्यक्ति इस धारा 49 (पी) का इस्तेमाल करना चाहता है।
वह सबसे पहले वो अपना मतदाता परिचय पत्र पीठासीन अधिकारी को दिखाता है। अधिकारी मिलान करते हैं जिसमें अपील करने वाला मतदाता सही पाया जाता है तो पीठासीन अधिकारी ऐसे मतदाता का निविदत मत डलवाता है।
मतदाता फार्म 17 (बी) पर भी हस्ताक्षर कर जमा करता है। पीठासीन अधिकारी छपे हुए बैलेट जारी करने होंगे। जिस पर मतदाता सील के जरिए चिन्ह लगाकर वाट डालेगा। उसके वोट को वहां मौजूद लिफाफे में पैक करवाया जाएगा।
उसके वोटी की अलग से इंट्री भी करना होगी, ताकि संख्यात्मक त्रुटि से बचा जा सके। चैलेंज वाेट इसी तरह यदि कोई मतदाता मतदान करने आता है, लेकिन उम्मीदवार का कोई एजेंट उसको फर्जी करार देते हुए आपत्ति लेता है, वोट को चैलेंज करता है तो एजेंट से दो रुपये पीठासीन पर जमा कराएंगे व रसीद देंगे। इसी के साथ मतदाता को सही साबित करने के लिए 12 दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा जाएगा।
यदि वह मतदाता फर्जी पाया जाता है, किसी और के नाम का वोट डालने आया है तो उसको वोट डालने से रोका जाएगा, उसे लौटा दिया जाएगा और आपत्तिकर्ता एजेंट को दो रुपये वापस दिए जाते हैं। लेकिन एजेंट की आपत्ति गलत है और मतदाता सही है तो एजेंट के दो रुपये राजसात होंगे व मतदाता को वोट डालने दिया जाता है।