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MP Election 2023: शहरी क्षेत्रों पर भारी पड़े ग्रामीण क्षेत्र, 2018 का आंकड़ा किया पार; सूरज ढलने तक जमकर किया मतदान

भोपाल की सातों विधानसभा क्षेत्रों में 78.56 प्रतिशत के साथ बैरसिया पहले तो 70.55 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रही। ग्रामीण क्षेत्र बाहुल्य वाले इन विधानसभा क्षेत्रों के मतदान ने जिले के कुल मतदान प्रतिशत को संभाल लिया। राजधानी जिले भोपाल में कुल 66.61 प्रतिशत मतदान का आंकड़ा छूकर आखिरकार 2018 के स्तर को पार करने में सफल रहा।

By Jagran NewsEdited By: Jeet KumarUpdated: Sat, 18 Nov 2023 06:30 AM (IST)
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शहरी क्षेत्रों पर भारी पड़े ग्रामीण क्षेत्र, 2018 का आंकड़ा किया पार

जागरण संवाददाता, भोपाल। जिले में मतदान के आंकड़े राजनीतिक तस्वीर की ओर भी इशारा कर रहे हैं। राजधानी जिले में कुल 66.61 प्रतिशत मतदान का आंकड़ा छूकर आखिरकार 2018 के स्तर को पार करने में सफल रहा, इस सफलता के वाहक बने जिले के ग्रामीण क्षेत्र और वहां के वह उत्साही मतदाता जो वाकई में सूरज की पहली किरण के साथ मतदान केंद्र के बाहर कतार में लग गए थे और सूरज ढलने के बाद भी अपना कर्तव्य निभाने में पीछे नहीं हटे और मद्धम रोशनी के बीच ईवीएम का बटन दबाकर ही केंद्र से बाहर निकले।

मतदान को छुट्टी समझकर घूमने निकल जाते हैं

जिले की सातों विधानसभा क्षेत्रों में 78.56 प्रतिशत के साथ बैरसिया पहले तो 70.55 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रही। ग्रामीण क्षेत्र बाहुल्य वाले इन विधानसभा क्षेत्रों के मतदान ने जिले के कुल मतदान प्रतिशत को संभाल लिया। 65.78..। यह वह आंकड़ा है जो पिछले पांच सालों से राजधानी के सुदर्शन चेहरे पर एक मुंहासे की तरह लगा हुआ था। बाबू लोग मतदान को गंभीरता से नहीं लेते, मतदान को छुट्टी समझकर घूमने निकल जाते हैं।

प्रशासन ने पूरी ताकत झोंकी

प्रशासन ने पूरी ताकत झोंकी कि इस बार के विधानसभा चुनावों में इसे पीछे छोड़ देना हैं, लेकिन शुक्रवार को जब मतदान हुआ तो शहरी क्षेत्रों में वही वीकएंड टेंडेंसी हावी दिखी और बड़ी संख्या में लोग लांग वीकएंड मानकर छुट्टियों पर निकल गए। लेकिन दूसरी तस्वीर जिले से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में दिखाई दी जहां मतदाता न केवल सुबह से कतार में लग गए थे बल्कि यहां के मतदान केंद्रों पर दोपहर में भी कतारें छोटी नहीं हुई। बड़े नेताओं की सभाओं का असर चुनाव प्रचार शुरू होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुना और बैतूल में सभाएं की। दोनों सभाओ के स्थल ग्रामीण क्षेत्र से सटे थे बल्कि गुना जिले की सीमा भोपाल के बैरसिया से भी लगी हुई हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैरसिया में ही सभा की

वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैरसिया में ही सभा की। राहुल गांधी ने भी बैतूल और विदिशा में सभाएं की। दोनों ही पार्टियों के बड़े नेताओं की सभा का असर रहा। कार्यकर्ताओं को बाहर निकालने में चूके प्रत्याशी जिले में सबसे कम मतदान प्रतिशत वाले विधानसभा क्षेत्र दक्षिण पश्चिम 59 प्रतिशत और 60 प्रतिशत मध्य में शहरी मतदाताओं की कम सक्रियता जिम्मेदार रही वहीं यहां के प्रत्याशी भी कार्यकर्ता को बाहर निकालने में उतने सफल नहीं हो सके जिसका असर मतदान प्रतिशत पर दिखा।