MP Election 2023: गांव एक और समस्याएं अनेक, बावड़ी खेड़ा गांव की जनता चुनती है दो विधायक; बेहद रोचक है वजह
मध्य प्रदेश के भोपाल में एक ऐसा गांव है जहां दो विधायक चुने जाते हैं। रातापानी के कठौतिया के पास वनक्षेत्र से सटा बावड़ी खेड़ा गांव भोपाल के नजदीक है। इसका एक बड़ा हिस्सा सीहोर की इछावर विधानसभा क्षेत्र में आता है तो वहीं दूसरा हिस्सा भोपाल जिले की हुजूर विधानसभा क्षेत्र में आता है। इस गांव में 22 परिवार हैं जो अलग-अलग विधानसभा के लिए मतदान करते हैं।
By Jagran NewsEdited By: Shalini KumariUpdated: Mon, 23 Oct 2023 11:02 AM (IST)
ऑनलाइन डेस्क, भोपाल। गांव एक लेकिन विधायक दो, हालांकि, सुनने में यह थोड़ा अजीब लग रहा है, लेकिन यह सच है। दरअसल, मध्य प्रदेश के भोपाल में एक ऐसा गांव है, जहां दो विधायक चुने जाते हैं।
दरअसल, रातापानी के कठौतिया के पास वनक्षेत्र से सटा यह गांव भोपाल के नजदीक है। इसका एक बड़ा हिस्सा सीहोर की इछावर विधानसभा क्षेत्र में आता है, तो वहीं, गांव का कुछ हिस्सा भोपाल जिले की हुजूर विधानसभा क्षेत्र में भी आता है।
22 परिवारों का गांव
इस गांव में 22 परिवार रहते हैं, जिसमें से 17 परिवार सीहोर में मतदान करते हैं, तो पांच परिवार भोपाल जिले के लिए मतदान करते हैं। इन दो विधानसभाओं की सीमा एक हैंडपंप से तय की जाती है।दो जिलों के इस गांव में वादों की तो झड़ी लगती है, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है। गांव की हालत इतनी खराब है कि यहां न मोबइल नेटवर्क है और न ही बिजली का ठिकाना रहता है। यहां तक कि पिछले सप्ताह हुई बारिश और ओलावृष्टि के कारण यहां बिजली कट गई, जिसका अब तक समाधान नहीं किया गया है।
दो विधानसभा और एक स्कूल
बावड़ी खेड़ा का प्राथमिक विद्यालय भोपाल जिले के हिस्से में है, लेकिन यहां ज्यादातर विद्यार्थी सीहोर वाले हिस्से से आते हैं। इस स्कूल में शिक्षक भी एक ही है, जो दिव्यांग होने के कारण अपनी बुजुर्ग मां के साथ स्कूल के ही एक कमरे में रहते हैं। शिक्षक मानकलाल के मुताबिक, पहले यहां दो शिक्षक थे, लेकिन एक की मृत्यु हो गई, जिसके बाद यह अकेले पढ़ाते हैं।जंगलों की भी सीमा बंटी
बावड़ी खेड़ा गांव वन सीमा से सटा हुआ है, इसलिए इसकी भी सीमा है। केकड़िया से लगा हिस्सा समरधा रेंज में आता है, तो वहीं सीहोर का हिस्सा रातापानी वनक्षेत्र में माना जाता है।