MP Election 2023: मध्य प्रदेश में इस सीट के लिए होगी फिर से वोटिंग, आज मतदान केंद्र रवाना होंगे कर्मचारी
मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को चुनाव हुआ। लेकिन अब भारत निर्वाचन आयोग ने भिंड जिले के कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी को पुनर्मतदान कराने के पूर्व मतदान दल के पीठासीन अधिकारी एवं मतदान अधिकारियों को विधिवत प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए हैं। पुनर्मतदान की सूचना समस्त अभ्यर्थियों एवं राजनीति दलों दी जाएगी एवं मतदान केंद्र के क्षेत्र में डोंडी (मुनादी) पिटवाकर व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाएगा।
By Jagran NewsEdited By: Shubham SharmaUpdated: Mon, 20 Nov 2023 06:30 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, भोपाल। भिंड जिले के अटेर विधानसभा क्षेत्र के मतदान क्रमांक 71- किशुपुरा नंबर -3 में पुनर्मतदान होगा। भारत निर्वाचन आयोग ने रविवार को इसके आदेश जारी कर दिए हैं। मतदान करने वाले मतदाता के बाएं हाथ की मध्यमा अंगुली में अमित स्याही लगाई जाएगी।
सुबह सात बजे शुरू होगा मतदान
21 नवंबर को सुबह सात बजे से छह बजे तक मतदान होगा। माकपोल सुबह 5.30 बजे प्रारंभ हाेगा। इसके लिए मतदान दल सामग्री सहित 20 नवंबर को रवाना होंगे। भारत निर्वाचन आयोग ने भिंड जिले के कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी को पुनर्मतदान कराने के पूर्व मतदान दल के पीठासीन अधिकारी एवं मतदान अधिकारियों को विधिवत प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए हैं। पुनर्मतदान की सूचना समस्त अभ्यर्थियों एवं राजनीति दलों दी जाएगी एवं मतदान केंद्र के क्षेत्र में डोंडी (मुनादी) पिटवाकर व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाएगा।
भाजपा ने शिकायत कर की थी पुनर्मतदान की मांग
भाजपा ने मुख्य चुनाव आयुक्त नई दिल्ली को भिंड जिले की अटेर विधानसभा क्षेत्र के 16 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान कराए जाने की मांग की थी। भाजपा के एक प्रतिनिधि मंडल ने शनिवार को इस संबंध में मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को भी ज्ञापन सौंपकर आरोप लगाया था कि पीठासीन अधिकारियों ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित किया है। कई मतदाताओं को हतोत्साहित कर मत प्रयोग से वंचित रखा गया।पार्टी ने अटेर विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र क्रमांक 11,12 खडित, 17, 41 निवारी, 48 बड़पुरा, 49 बड़पुरी, 55, 67, 69, 70, 71 किशुपुरा, 103 मनेपुरा, 169 पीथमपुरा, 170, 171, 211 बीसलपुरा में पदस्थ पीठासीन अधिकारियों व उनके दल द्वारा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मिलीभगत कर चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित किया गया। हालांकि चुनाव आयोग ने केवल एक मतदान केंद्र किशुपुरा में पुनर्मतदान के आदेश दिए हैं।