Move to Jagran APP

MP चुनाव में अब सरकारी सेवक भी आजमा रहे किस्मत, इस्तीफा देकर SI भीलर सिंह ने बढ़ाई भाजपा-कांग्रेस की मुश्किलें

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के बीच भाजपा और कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। बता दें कि पुलिस विभाग में उप निरीक्षक रह चुके भीलर सिंह जमरा ने सोमवार को कांग्रेस से टिकट देने की मांग की। इसके लिए भीलर ने नेपानगर में सैकड़ों ग्रामीणों के साथ मिलकर शक्ति प्रदर्शन भी किया।

By Nidhi AvinashEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Mon, 16 Oct 2023 08:35 PM (IST)
Hero Image
MP चुनाव में अब सरकारी सेवक भी आजमा रहे किस्मत (Image: Nai Dunia)
नई दुनिया/ जागरण न्यूज नेटवर्क, बुरहानपुर। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा हो गई है। 17 नवंबर को मतदान किए जाएंगे और 3 दिसंबर को वोटों की गिनती होगी। इस बीच सरकारी सेवक भी इस्तीफा देकर चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने की कोशिश में जुट गए है और टिकट की मांग कर रही है। इससे भाजपा और कांग्रेस दोनों की प्रमुख पार्टियों के लिए विकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

शक्ति प्रदर्शन कर कांग्रेस से की टिकट की मांग

पुलिस विभाग में उप निरीक्षक रह चुके भीलर सिंह जमरा ने सोमवार को कांग्रेस से टिकट देने की मांग की। दरअसल, भीलर ने नेपानगर में सैकड़ों ग्रामीणों के साथ मिलकर शक्ति प्रदर्शन किया। उन्होंने खुद को कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी बताते हुए पार्टी से टिकट की मांग की है।

नेपानगर के बाकड़ी गांव निवासी भीलर जबलपुर में पदस्थ थे और प्रदर्शन से दो दिन पहले ही उन्होंने सेवा से इस्तीफा दे दिया था। भीलर ने ग्रामीणों के साथ मिलकर दावा किया है कि आदिवासी समाज के विभिन्न संगठन एक साथ मिलकर भीलर को जिताना चाहती है।

'विधानसभा क्षेत्र में बेरोजगारी चरम पर'

भीलर सिंह ने पूर्व और वर्तमान विधायकों पर काफी गंभीर आरोप भी लगाए है। उन्होंने कहा कि इन सभी विधायकों ने आदिवासी समाज की हमेशा उपेक्षा की है। भीलर ने कहा, 'विधानसभा क्षेत्र में बेरोजगारी चरम पर है, लेकिन उन्होंने रोजगार के साधन उपलब्ध नहीं कराए।

शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिए आज भी सुदूर अंचल के आदिवासी तरस रहे हैं। यही वजह है कि इस बार आदिवासी अपने बीच से शिक्षित और समाज के लिए समर्पित युवा को विधानसभा पहुंचाना चाहते हैं।'

यह भी पढ़े: MP Election 2023: चुनावी मैदान में किस्‍मत आजमा रहे नौकरशाह; अब तक कितनों को मिली सफलता, हारने पर किसकी बच गई नौकरी?

कैसे थे नेपानगर क्षेत्र के हालात?

जानकारी के लिए बता दें कि नेपानगर क्षेत्र वन भूमि पर पहले अवैध कब्जा था और यहां जंगलों की अवैध कटाई भी की जाती थी। इस गांव में पुलिस और वन विभाग के बीच कई अतिक्रमण के कारण ग्रामीण भी पुलिस की सख्त कार्रवाई का शिकार हो जाते थे।

एक दौर था जब बाकड़ी गांव में घुसने से पुलिस कर्मियों को भी डर लगता था, लेकिन अब भीलर सिंह न केवल बाकड़ी बल्कि आसपास के सौ से ज्यादा गांव के लोगों के लिए तारणहार बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। राजनीति विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर भीलर सिंह को चुनावी मैदान पर उतारा जाता है तो यह भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती है। इसका कारण है विधानसभा में आदिवासियों की आबादी ज्यादा होना।

यह भी पढ़े: MP Election 2023: 'मैं सिंहासन पर बैठकर आनंद उठाने वाला CM नहीं हूं, सेवा करने वाला हूं' शहडोल में बोले शिवराज