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MP Election 2023: नवरात्र में VIP सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा करेगी सपा, अखिलेश ने तैयार किया PDA फॉर्मूला

MP Election 2023 अखिलेश यादव ने कहा कि एमपी पार्टी संगठन ने कुछ सीटों और वहां के प्रत्याशियों के नाम सुझाए हैं। महिला आरक्षण कानून पर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए अखिलेश ने कहा कि नारी शक्ति वंदन कानून बन गया है भाजपा बताए कि उसने मध्य प्रदेश राजस्थान और अन्य विधानसभा चुनाव में कितनी महिलाओं को टिकट दिया है?

By Mohammad SameerEdited By: Mohammad SameerUpdated: Mon, 02 Oct 2023 06:45 AM (IST)
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नवरात्र में सभी वीआइपी सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर देगी सपा (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, लखनऊ: समाजवादी पार्टी नवरात्र में अपनी सभी वीआइपी सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर देगी। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में रविवार को पूर्व विधायक नीरज मौर्य की पुस्तक के विमोचन समारोह के बाद मीडिया से बातचीत में यह घोषणा की।

एमपी में साथ आएं सपा-कांग्रेसः अखिलेश

भाजपा द्वारा समाजवादी पार्टी की वीआइपी सीटों पर सपा नेताओं को हराने की रणनीति बनाने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि, हमने भाजपा को उनकी वीआइपी सीटों पर हारने के लिए पीडीए के साथ मिलकर पहले ही रणनीति बना ली है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि हम चाहते हैं कि मध्य प्रदेश में भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी साथ आएं और भाजपा को हराए।

मध्य प्रदेश के समाजवादी पार्टी संगठन ने हमें कुछ सीटों और वहां के प्रत्याशियों के नाम सुझाए हैं। महिला आरक्षण कानून पर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि नारी शक्ति वंदन कानून बन गया है, भाजपा बताए कि उसने मध्य प्रदेश, राजस्थान और अन्य विधानसभा चुनाव में कितनी महिलाओं को टिकट दिया है। सवाल उठाया कि क्या भाजपा ने 33 प्रतिशत महिलाओं को टिकट दिया है।

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क्या भाजपा ने पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं को टिकट दिया है। अखिलेश ने कहा कि पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं को अलग से कोटा दिए बिना महिला आरक्षण कानून अधूरा है। अखिलेश ने कहा कि आज सभी लोग देश में जाति आधारित गणना की मांग कर रहे हैं। जाति आधारित गणना हो जाने से सभी जातियों को उनकी आबादी के अनुपात में हक मिल सकेगा।

यादव ने कहा कि आज पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक हर जगह पीछे हैं, चाहे वह नौकरियां हों या रोजगार। पांच हजार साल पहले जो जाति व्यवस्था आई उससे समाज में दूरियां बनीं हैं। हमारे महापुरुषों और चिंतकों ने समय-समय पर समाज को दिशा देने का कार्य किया।

महात्मा ज्योतिबा फुले, शाहूजी महाराज, पेरियार, बाबा साहब डा. भीमराव आंबेडकर, मान्यवर कांशीराम, डा. राममनोहर लोहिया और नेताजी ने समाज को जगाने और जागरूक करने का काम किया। हमें उम्मीद है कि जिस समय समाज पढ़-लिख जाएगा, जातियां टूटेंगी। हर जाति एक दूसरे के साथ खड़ी हो जाएगी।