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MP Election 2023: दिमनी सीट के लिए BJP ने नरेंद्र सिंह तोमर पर क्यों चला दांव, समझें वजह और इस सीट का इतिहास

मध्य प्रदेश चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने 39 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी की। इस लिस्ट में नरेंद्र सिंह तोमर का नाम भी शामिल है। उन्हें दिमनी सीट से चुनाव लड़ने के लिए कहा गया है। सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर क्यों एक केंद्रीय मंत्री को दिमनी सीट से लड़ाया जा रहा है। आखिर दिमनी सीट भाजपा के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Wed, 27 Sep 2023 04:24 PM (IST)
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केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को दिमनी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने के आदेश दिए गए।(फोटो सोर्स: जागरण)
इंदौर, ऑनलाइन डेस्क। Madhya Pradesh Election 2023। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव भाजपा ने कमर कस ली है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में भाजपा एक बार फिर मध्य प्रदेश में सत्ता हासिल करने की कोशिश कर रही है।

कुछ दिनों पहले भाजपा ने राज्य में चुनाव के लिए भाजपा ने 39 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी की। इस लिस्ट में कई दिग्गज नेताओं के नाम शामिल हैं। उनमें से एक नाम केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का भी है। इस समय वो केंद्रीय कृषि मंत्री हैं।

उन्हें पार्टी ने दिमनी विधानसभा से चुनावी मैदान में उतारा है। बता दें कि तोमर 2009 से ही केंद्र में हैं और अब पार्टी ने उन्हें वापस प्रदेश में एक्टिव कर दिया है। सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर क्यों एक केंद्रीय मंत्री को दिमनी सीट से लड़ाया जा रहा है। आखिर दिमनी सीट भाजपा के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है।

दिमनी सीट का क्या है इतिहास?  

दिमनी सीट के इतिहास की बात करें तो 1980 से 2008 तक इस सीट पर भाजपा का दबदबा रहा। लेकिन पिछले दो चुनावों से भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। साल 2018 में कांग्रेस के गिर्राज दंडोतिया ने जीत दर्ज की थी तो वहीं 2013 के चुनाव में बसपा के बलवीर सिंह दंडोतिया ने बाजी मार ली। भाजपा ने अपने गढ़ में फिर से वापसी करने के लिए नरेंद्र सिंह तोमर जैसे दिग्गज नेता पर दांव खेला है।

नरेंद्र सिंह तोमर को क्यों मिला मौका?

बता दें कि कृषि मंत्री वर्तमान में मुरैना लोकसभा सीट से सांसद हैं। इस क्षेत्र में उनका दबदबा है। वो 20 साल बाद विधानसभा चुनाव लड़ने वाले हैं। नरेंद्र सिंह तोमर ने साल 1998 में अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था। अभी तक वो दो विधानसभा और तीन लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। गौरतलब है कि हर बार उन्हें जीत हासिल हुई है।

1998 में लड़ा पहला चुनाव

नरेंद्र सिंह तोमर ने अपना पहला चुनाव ग्वालियर विधानसभा सीट से लड़ा था। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी अशोक कुमार शर्मा को 26 हजार 458 वोटों से हराया था। उन्हें इस चुनाव में करीब 50 हजार वोट मिले थे। जबकि जबकि शर्मा को 23 हजार 646 वोट मिले।

34 हजार वोटों से जीता दूसरा चुनाव

नरेंद्र सिंह तोमर ने अपना दूसरा और अंतिम विधानसभा चुनाव साल 2003 में लड़ा था। उन्हें 63 हजार 592 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी बालेन्दु शुक्ला को 29 हजार 452 वोट मिले। तोमर ने यह चुनाव 34 हजार 140 वोटों से जीता था।

लोकसभा चुनाव का सफर

साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करते हुए उन्होंने केंद्रीय राजनीति में कदम रखा। पार्टी ने उन्हें मुरैना से टिकट दिया। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास रावत को 1 लाख 97 वोटों से हराया था।

इसके बाद साल 2014 में उन्हें ग्वालियर से टिकट दिया, जहां उन्होंने 26 हजार 699 वोट से जीत हासिल की। साल 2019 में उन्हें फिर से मुरैना से लोकसभा चुनाव का टिकट दिया गया, जहां उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास रावत को 1 लाख 13 हजार 341 वोटों से हराया था।

अब विधानसभा चुनाव की बारी

साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी ने नरेंद्र सिंह तोमर पर भरोसा जताते हुए विधानसभा चुनाव का टिकट दिया है। वे अब दिमनी विधानसभा चुनाव से टिकट लड़ेंगे।

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