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MP Exit Polls 2023 Update: 40 प्रतिशत का जादुई आंकड़ा, भाजपा-कांग्रेस में कांटे से कांटा निकालने की चल रही टक्कर

MP Exit Polls 2023 गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को पिछले तीन चुनावों में कभी भी 50 प्रतिशत से अधिक मत नहीं मिले। वहीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के बड़े नेता डा. गोविंद सिंह को पिछले तीन चुनावों में 46 प्रतिशत से कम ही वोट मिले हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (बुदनी) को वर्ष 2018 में 60.25 2013 में 55 और 2008 में 62.15 प्रतिशत मत मिले थे।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Fri, 01 Dec 2023 09:52 AM (IST)
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MP Exit Polls 2023 Update: 40 प्रतिशत का जादुई आंकड़ा, भाजपा-कांग्रेस में कांटे से कांटा निकालने की चल रही टक्कर
राज्य ब्यूरो, भोपाल। दिग्गज नेताओं का दावा भले ही क्षेत्र में तूती बोलने का हो, उनके क्षेत्र को अभेद्य किला कहा जाता हो लेकिन भाजपा हो या कांग्रेस, दोनों के कई कद्दावर नेता विधानसभा चुनाव में आधे यानी 50 प्रतिशत मत का आंकड़ा भी नहीं छू पाते। पूर्व के चुनाव परिणामों को देखें तो दोनों दलों के कुछ बड़े नेता भले ही जीतकर मंत्री बन गए हों पर उन्हें प्राप्त मत प्रतिशत 40 से भी कम रहे हैं। जीत-हार अपनी जगह है पर उनके जनाधार का इस आधार पर भी मूल्यांकन हो सकता है कि किस नेता को कितने प्रतिशत वोट मिले हैं।

40 प्रतिशत का आंकड़ा

गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को पिछले तीन चुनावों में कभी भी 50 प्रतिशत से अधिक मत नहीं मिले। वहीं, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के बड़े नेता डा. गोविंद सिंह को पिछले तीन चुनावों में 46 प्रतिशत से कम ही वोट मिले हैं। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम 40 प्रतिशत का आंकड़ा पिछले तीन चुनावों में नहीं छू पाए हैं। दरअसल, जातिगत व अन्य स्थानीय समीकरणों के कारण लगभग तीस प्रतिशत मतों का बंटवारा हो जाता है।

भाजपा नेता वोट प्रतिशत

भाजपा के बड़े नेताओं की बात करें तो वर्ष 2018 में नागेंद्र सिंह (गुढ़) को 28.1 प्रतिशत, नागेद्र सिंह (नागोद) को 32 प्रतिशत, नारायण त्रिपाठी (मैहर) को 30.17, गौरी शंकर विशेन (बालाघाट) को 41 प्रतिशत, रामकिशोर कांवरे को 33 प्रतिशत, रामपाल सिंह को 41.42 प्रतिशत और अरविंद भदौरिया को 43 प्रतिशत मत मिले।

कांग्रेस नेता वोट प्रतिशत

वहीं कांग्रेस नेताओं में सज्जन सिंह वर्मा को 48.92, बाला बच्चन को 47, ओमकार सिंह मरकाम 45.80, जीतू पटवारी को 49.95, तुलसी सिलावट को 48.38 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे। अब 50 प्रतिशत से अधिक मतों से जीतने वाले बड़े भाजपा नेताओं की बात करें तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (बुदनी) को वर्ष 2018 में 60.25, 2013 में 55 और 2008 में 62.15 प्रतिशत मत मिले थे।

लगातार आठ बार विधानसभा चुनाव जीत चुके गोपाल भार्गव (रहली) भी 50 प्रतिशत से अधिक मत पिछले तीन चुनावों में पा चुके हैं। वर्ष 2018 में उन्हें 55.78, 2013 में 63.82 और 2008 में 55 प्रतिशत मत मिले। डॉ.सीतासरन शर्मा ने वर्ष 2018 में 52.34 और 2013 में 65 प्रतिशत का आंकड़ा छुआ। वहीं, कांग्रेस में वर्ष 2018 के चुनाव में आरिफ अकील (भोपाल उत्तर) को 58.77, जयवर्धन सिंह को 61.64 प्रतिशत मत मिले थे।

लाडली बहना ने कांटे से कांटा निकाला

एग्जिट पोल पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि मध्य प्रदेश में कोई कांटे की टक्कर नहीं है। कांटे की टक्कर-कांटे की टक्कर कहते थे, लाडली बहना ने सारे कांटे निकाल दिए। कोई कांटा बचा ही नहीं। मैंने ऐसा चुनाव नहीं देखा, जहां हम जाते थे पुरुषों की भीड़ तो होती थी उससे ज्यादा बहन, बेटियां और बच्चे आते थे। बहनों का जो लाड़ और प्यार मिला, वह अद्भुत और अभूतपूर्व है। अभी भी मैं कई जगह जाता हूं तो बहनें दौड़कर आ जाती है और कहती है कि अपन जीत रहे हैं।

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अपन जीत रहे हैं तो इसका मतलब है कि उन्हें भाजपा की जीत में अपनी जीत दिखाई देती है। भारतीय जनता पार्टी भारी बहुमत से जीतेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति प्रेम और उनके नेतृत्व, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रणनीति, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का मार्गदर्शन, कार्यकर्ताओं का परिश्रम और हमारी प्रदेश की सरकार की अनेक योजनाएं, जिन्होंने जनता की जिंदगी बदल दी और विकास, यह स्पष्ट बताते थे कि भारतीय जनता पार्टी भारी बहुमत से जीतेगी। मैं तो हमेशा आत्मविश्वास से भरा रहा और सदैव कहा कि जो एग्जिट पोल जो कह रहा है, वह लगभग जनभावनाएं हैं।

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