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Poll of Polls 2018: MP में कांटे की टक्कर, CG में रमन की वापसी

Poll of Polls 2018: विभिन्न एजेंसियों द्वारा मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान के साथ ही तेलंगाना और मिजोरम के एग्जिट पोल जारी किए जाएंगे।

By Arvind DubeyEdited By: Updated: Fri, 07 Dec 2018 05:53 PM (IST)
Poll of Polls 2018: MP में कांटे की टक्कर, CG में रमन की वापसी
नई दिल्ली। राजस्थान और तेलंगाना में मतदान खत्म होने के साथ ही मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम के भी एग्जिट पोल जारी किए जा रहे हैं। विभिन्न एजेंसियां मतदाताओं से बातचीत के आधार पर यह डाटा जारी कर रही हैं।

मध्यप्रदेश का एग्जिट पोल

आज तक के मुताबिक, मध्यप्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है। इस एजेंसी के मुताबिक, मध्यप्रदेश में भाजपा को 102 से 120 सीटें मिलती नजर आ रही हैं। कांग्रेस के खाते में 102 से 122 सीटें जाती दिख रही हैं। अन्य के खाते में 4 से 11 सीटें जा सकती हैं। 

एबीपी और सीएसडीएस के एग्जिट पोल के मुताबिक मध्य प्रदेश के चंबल की 34 सीटों में से 36 प्रतिशत भाजपा के खाते में गईं, कांग्रेस को 43 प्रतिशत सीट मिल रही हैं। भाजपा को यहां 10 सीटें मिल सकती है, काग्रेस को 21 सीटें मिल सकती है और अन्य को तीन सीट मिल सकती हैं। एबीपी के अनुसार विध्य की 56 सीटों में से भाजपा को 20 सीट, कांग्रेस को 33 सीट और अन्य को 3 सीट मिल सकती हैं।

इंडिया टुडे- एक्सिस माय इंडिया के सर्वे के अनुसार मप्र में कांग्रेस को 41 प्रतिशत और भाजपा को 40 प्रतिशत सीट मिलने की संभावना है। कांग्रेस को 104 से 122 सीट तो भाजपा को 102 से 120 मिल सकती हैं।

महाकोशल की 49 सीटों में से 39 प्रतिशत वोट भाजपा को, 41 प्रतिशत वोट कांग्रेस को और अन्य को 19 प्रतिशत वोट अन्य को मिल सकते हैं। यहां 21 सीटों पर भाजपा, 26 पर कांग्रेस और अन्य को 2 सीट पर जीत मिल सकती हैं।

एबीपी के सर्वे के मुताबिक, मालवा की 63 सीटों में 46 प्रतिशत वोट भाजपा को, 45 प्रतिशत कांग्रेस और अन्य को 9 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं। यहां 33 सीट भाजपा को, 29 सीट कांग्रेस को और एक सीट अन्य के खाते में जा सकती है।

न्‍यूजएक्‍स के अनुसार मध्यप्रदेश में किसी को बहुमत नहीं मिलेगा। कांग्रेस को 230 में से 112 सीटें मिलेंगी वहीं बीजेपी 106 सीट जीत सकती है। अन्‍यों के खाते में 12 सीट जाएंगी।

छत्तीसगढ़ का एग्जिट पोल

वहीं छत्तीसगढ़ में रमन सिंह की वापसी की बाद कही जा रही है। इंडिया टीवी के मुताबिक, भाजपा को 42 से 50 सीटें, कांग्रेस को 32 से38 सीटें, बसपा और जकांछ गठबंधन को 6 से 8 सीटें तथा अन्य को 1 से 3 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया गया है। 

इंडिया टुडे-एक्सिस के छत्‍तीसगढ़ के एग्जिट पोल में बीजेपी को बढ़त मिलती हुई दिखाई गई है. हालांकि बहुमत किसी को नहीं मिलता दिख रहा. इसके अनुसार बीजेपी को 42-50, कांग्रेस को 32-38, जोगी कांग्रेस-बसपा को 6-8 और अन्‍य को 1-3 सीट मिलेगी. यहां सरकार बनाने के लिए 46 सीटों की जरूरत है. 2013 में बीजेपी को 49, कांग्रेस को 39 और बसपा को एक सीट मिली थी।

एग्जिट पोल के मुताबिक, वोट शेयर की बात करें तो भाजपा को 42 फीसदी वोट हासिल हुआ है जो पिछले चुनावों की तुलना में करीब 1 प्रतिशत ज्यादा नजर है। वहीं कांग्रेस को पिछली बार की तुलना में करीब 2 फीसदी का नुकसान होने की आशंका है। कांग्रेस को पिछली बार 40 प्रतिशत वोट मिले थे, लेकिन इस बार उसके खाते में करीब 38 प्रतिशत वोट शेयर नजर आ रहा है। जोगी कांग्रेस छत्तीसगढ़ और बसपा गठबंधन को करीब 8 फीसदी वोट मिलते नजर आ रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक, राजस्थान और तेलंगाना में शाम 5 बजे वोटिंग खत्म होने के 30 मिनट बाद पहला एग्जिट पोल जारी कर दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों (12 और 20 नवंबर) को मतदान हुआ था। इसके बाद 28 नवंबर को मध्यप्रदेश की सभी 230 सीटों के लिए वोटिंग हुई थी। उसी दिन मिजोरम की 40 सीटों पर वोट पड़े थे। 7 दिसंबर को राजस्थान की 200 में  से 199 और तेलंगाना की सभी 119 सीटों पर वोटिंग हुई। पांचों राज्यों के नतीजे 11 दिसंबर को आएंगे। 

मध्यप्रदेश (230 विधानसभा सीटें): 

मप्र में 230 सीटों के लिए 28 नवंबर को चुनाव हुआ। कुल 2907 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे थे। मतदान के लिए प्रदेशभर में 65,341मतदान केंद्र बनाए गए थे। इनमें से 11,900 मतदान केंद्रों पर 650 केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया था।

छिटपुट घटनाओं के बीच 75 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया। यह 2013 में हुए 72.66 फीसदी मतदान के मुकाबले 2.34 फीसदी ज्यादा रहा। अनूपपुर विधानसभा के मौहरी मतदान केंद्र पर 56 वोट ईवीएम में दर्ज नहीं होने की वजह से 1 दिसंबर को फिर से मतदान हुआ।

मतदान के पहले चुनाव आयोग ने इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर वैरीफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) की पुख्ता जांच के दावे किए थे पर मतदान के दिन ढाई हजार से ज्यादा मशीनें खराब हुईं। मॉकपोल के समय दो हजार 323 मशीनें खराब हुईं तो मतदान के समय एक हजार 734 मशीनें खराब हुईं। सतना में तो हालात यह हो गए कि रिजर्व मशीनें भी कम पड़ गईं थीं।

मप्र में 2013 में हुए चुनाव में भाजपा ने 165 सीटों पर जीत दर्ज की तो कांग्रेस को 58 सीटों पर विजय प्राप्त हुई। 5 सीटों पर बहुजन समाज पार्टी और 2 पर निर्दलीयों ने कब्जा जमाया। भाजपा विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री पद के लिए शिवराज सिंह चौहान का नाम तय हुआ और वे सीएम बने। वहीं विधानसभा में कांग्रेस की ओर से अजय सिंह(राहुल) विपक्ष के नेता रहे।

छत्तीसगढ़ (90 विधानसभा सीटें)

छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 12 नवंबर को 18 सीटों पर और 20 नवंबर को 72 सीटों पर मतदान हुआ था। पहले चरण की 18 सीटों पर 190 प्रत्याशी मैदान में थे और मतदान के लिए 4336 मतदान केंद्र बनाए गए। 18 सीटों में से 10 ऐसी थीं, जहां नक्सलियों ने वोटरों को चुनाव से दूर रहने की चेतावनी दी थी। दूसरे चरण में 20 नवंबर को 72 सीटों पर मतदान हुआ, जिसमें 1079 प्रत्याशी मैदान में थे।

2013 में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 49 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस ने 39, बसपा ने एक और एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने कब्जा जमाया था। भाजपा के विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री पद के लिए डॉ. रमन सिंह का नाम तय हुआ था। छत्तीसगढ़ की चौथीं विधानसभा में टीएस सिंह देव विपक्ष के नेता रहे। 

तेलंगाना (119 विधानसभा सीटें): 

तेलंगाना विधानसभा में 119 सीटें है और इन सभी सीटों पर चुनाव हो रहा है। फिलहाल 2014 के विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो टीआरएस ने 63 सीटें हासिल कर सत्ता पर कब्जा जमाया था। दूसरे नंबर पर कांग्रेस रही थी जिसको 21 सीटें मिली थी। टीडीपी को 15 सीटें हासिल हुई थी और 20 सीटों पर अन्य ने बाजी मारी थी।

फिलहाल के चंद्रशेखर राव सूबे के सरदार यानी राज्य के मुख्यमंत्री है। चंद्रशेखर राव ने तेलंगाना को अस्तित्व में लाने में अहम रोल निभाया था। लिहाजा राज्य के लोगों ने उनको सर आंखों पर बिठाया और प्रदेश की कमान भी उनको सौंपी।

मिजोरम (40 विधानसभा सीटें): मिजोरम विधानसभा में 40 सीट हैं। पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2013 के चुनाव पर यदि नजर डालें तो कांग्रेस ने सभी अनुमानों को झुठलाते हुए 29 सीटों पर कब्जा जमाया था, जो बहुमत के आंकड़े से 8 ज्यादा था। मुख्य विपक्षी पार्टी मीजो नैशनल फ्रंट को 6 सीटों पर संतोष करना पड़ा था।

28 नवंबर को हुए मतदान में 40 सीटों पर 75 फीसदी वोटिंग हुई और इसमें प्रदेश के 7.70 लाख मतदाताओं ने शिरकत की। इस बार भाजपा भी मिजोरम से उम्मीद कर रही है और भाजपा की सीटों में इजाफे की संभावना भी जताई जा रही है।