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MP Election 2023: इंदौर जिले में इन नए और युवा चेहरों को मिला मौका, कांग्रेस ने पांच तो भाजपा ने एक पर लगाया दांव

इंदौर जिले की सभी नौ विधानसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही अपने उम्मीदवारों का एलान कर दिया है लेकिन नए चेहरों को प्राथमिकता देने के मामले में कांग्रेस ने भाजपा को पीछे छोड़ दिया। जिले के अंतर्गत आने वाले नौ विधानसभा क्षेत्रों में से पांच में कांग्रेस ने नए चेहरों पर अपना दांव लगाया है जबकि भाजपा ने महज एक चेहरे को मौका दिया है।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sat, 21 Oct 2023 08:44 PM (IST)
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इंदौर जिले में इन नए चेहरों को मिला मौका (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, इंदौर। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस ने अपनी कमर कस ली है। दोनों ही राजनीतिक दलों ने एक-दो सीटों को छोड़कर बाकी तमाम सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवारों का एलान कर दिया है। इस बीच हम बात करेंगे देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर की।

बता दें कि इंदौर जिले की सभी नौ विधानसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही अपने उम्मीदवारों का एलान कर दिया है, लेकिन नए और युवा चेहरों को प्राथमिकता देने के मामले में कांग्रेस ने भाजपा को पीछे छोड़ दिया। जिले के अंतर्गत आने वाले नौ विधानसभा क्षेत्रों में से पांच में कांग्रेस ने नए और युवा चेहरों पर अपना दांव लगाया है, जबकि भाजपा ने महज एक चेहरे को मौका दिया है।

कांग्रेस ने चिंटू चौकसे, पिंटू जोशी, राजा मंदवानी, किशोर शुक्ला और रीना बौरासी को मौका दिया, जबकि भाजपा ने महज नए चेहरे को तौर पर गोलू शुक्ला को चुनावी मैदान में उतारा है। 

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इन नये चेहरों को मिला मौका 

विधानसभा क्षेत्र भाजपा उम्मीदवार कांग्रेस उम्मीदवार
इंदौर-1 कैलाश विजयवर्गीय संजय शुक्ला
इंदौर-2 रमेश मेंदोला चिंटू चौकसे (नया चेहरा)
इंदौर-3 गोलू शुक्ला (नया चेहरा) पिंटू जोशी (नया चेहरा)
इंदौर-4 मालिनी गौड़ राजा मंदवानी (नया चेहरा)
इंदौर-5 महेंद्र हार्डिया सत्यनारायण पटेल
राऊ मधु वर्मा जीतू पटवारी
महू उषा ठाकुर किशोर शुक्ला (नया चेहरा)
देपालपुर मनोज पटेल  विशाल पटेल
सांवेर तुलसीराम सिलावट रीना बौरासी (नया चेहरा)

इस मामले में भाजपा से पिछड़ी कांग्रेस

भले ही युवाओं को मौका देने के मामले में कांग्रेस सत्तारूढ़ दल से आगे निकल गई हो, लेकिन महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने के मामले में भाजपा आगे है। भाजपा ने दो महिलाओं पर दांव लगाया है। 2018 के चुनाव में दोनों को ही सफलता हासिल हुई थी, जबकि कांग्रेस ने महज एक महिला को मौका दिया है।

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