MP Elections: पिछले चुनाव में 45 सीटों पर तीन फीसद वोट ने बदला था हार-जीत का अंतर, भाजपा-कांग्रेस चिंतित
मध्य प्रदेश में पिछले चुनाव में उम्मीदवारों की हार-जीत का अंतर बेहद कम रहा। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 41.02 फीसद जबकि कांग्रेस को 40.89 फीसद वोट मिले थे। 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए भाजपा के 109 जबकि कांग्रेस के 114 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। इनमें से 45 सीटों पर हार-जीत का अंतर तीन फीसद था।
By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Thu, 12 Oct 2023 09:48 PM (IST)
वैभव श्रीधर, भोपाल। मध्य प्रदेश में राजनीतिक दलों ने विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरो-शोरों पर शुरू कर दी हैं। चुनावी बिगुल भी अब बज चुका है। ऐसे में एक नजर पिछले विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर... साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 41.02 फीसद, जबकि कांग्रेस को 40.89 फीसद वोट मिले थे। इसके बावजूद भाजपा को कांग्रेस की तुलना में पांच सीटें कम मिली थीं।
230 सदस्यीय विधानसभा के लिए भाजपा के 109, जबकि कांग्रेस के 114 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। इनमें से 45 सीटों पर हार-जीत का अंतर तीन फीसद था।
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16 सीटों पर हार-जीत का एक फीसद से कम रहा अंतर
2018 के चुनाव परिणाम ने सभी को चकित कर दिया था, क्योंकि 16 सीटों पर हार-जीत का अंतर एक फीसद से भी कम रहा। इनमें ग्वालियर ग्रामीण के भारत सिंह कुशवाह, नागौद से नागेंद्र सिंह, चंदला से राजेश कुमार प्रजापति, इंदौर पांच से महेंद्र हार्डिया, नेपानगर से सुमित्रा देवी कास्डेकर, मांधाता से नारायण पटेल, जबलपुर उत्तर से विनय सक्सेना, जावरा से राजेंद्र पांडे, सुवासरा से हरदीप सिंह डंग, देवतालाब से गिरीश गौतम, राजपुर से बाला बच्चन, ब्यावरा से गोवर्धन दांगी, दमोह से राहुल लोधी, राजनगर से विक्रम सिंह, कोलारस से वीरेंद्र रघुवंशी और ग्वालियर उत्तर से प्रवीण पाठक शामिल हैं।
2013 के चुनाव में भी कुछ-कुछ ऐसी स्थिति ही थी। हालांकि, इस बार के विधानसभा चुनाव में ऐसी कोई स्थिति उत्पन्न न हो, इसके लिए भाजपा ने 51 फीसद वोट शेयर प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।2018 के चुनाव में औसत मतदान 75.63 फीसद हुआ था। यह पिछले आठ चुनाव में सबसे ज्यादा था। इसके बावजूद कई विधानसभा क्षेत्रों में कांटे की टक्कर देखने को मिली और हार-जीत का अंतर तीन फीसद से कम रहा।
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सनद रहे कि भाजपा और कांग्रेस ने अपने पक्ष में मतदान बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए। भाजपा की बात की जाए तो पार्टी ने पन्ना के स्थान पर अर्द्धपन्ना प्रभारी नियुक्त किए हैं। साथ ही पार्टी लाभार्थियों के साथ सीधे संवाद स्थापित कर रही है।
2018 के चुनाव में हार-जीत का अंतर
नेता | हार-जीत में वोट फीसद अंतर | पार्टी |
डा.नरोत्तम मिश्रा | 1.83 | भाजपा |
मनोहर ऊंटवाल | 1.46 | भाजपा |
संजय शाह | 1.61 | भाजपा |
गिरीश गौतम | 0.80 | भाजपा |
राजेंद्र पांडे | 0.29 | भाजपा |
महेंद्र हार्डिया | 0.47 | भाजपा |
कांतिलाल भूरिया | 1.55 | कांग्रेस |
केपी सिंह | 1.39 | कांग्रेस |
बाला बच्चन | 0.53 | कांग्रेस |
तुलसीराम सिलावट | 1.50 | कांग्रेस |
विक्रम सिंह | 0.52 | कांग्रेस |