Maharashtra Election: विवाद में फंसी ज्यादातर सीटों पर हुआ फैसला, फडणवीस बोले- हमारी पहली सूची कभी भी आ सकती है
दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ महाराष्ट्र के नेताओं की बैठक में सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति के सीट बंटवारे पर मुहर लग गई है।बताया जा रहा है कि इसके अनुसार भाजपा के हिस्से में 155 शिवसेना के हिस्से में 78 एवं राकांपा के हिस्से में 55 सीटें आई हैं। देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची कभी भी आ सकती है।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची कभी भी आ सकती है। उन्होंने कहा कि महायुति के तीनों दल भाजपा, शिवसेना (शिंदे) एवं राकांपा(अजीत) अपने-अपने उम्मीदवारों की सूची अलग-अलग जारी करेंगे।
भाजपा सूत्रों के अनुसार शुक्रवार देर रात दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ महाराष्ट्र के नेताओं की बैठक में सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति के सीट बंटवारे पर मुहर लग गई है। बताया जा रहा है कि इसके अनुसार भाजपा के हिस्से में 155, शिवसेना के हिस्से में 78 एवं राकांपा के हिस्से में 55 सीटें आई हैं।
सामाजिक एवं जातीय समीकरण बनाए रखने के लिए कुछ छोटे सहयोगी दलों को ये तीनों बड़े दल अपने-अपने हिस्से की सीटों में समायोजित करेंगे। बता दें कि 2019 के चुनाव में भाजपा के हिस्से में 164 एवं तब की अविभाजित शिवसेना के हिस्से में 124 सीटें आई थीं। तब भी दोनों दलों ने कुछ छोटे दलों को अपने-अपने हिस्से से कुछ सीटें दी थीं।
एकनाथ शिंदे इनका नहीं काटना चाहते टिकट
अभी विधानसभा में भाजपा के 103, शिवसेना के 38 और राकांपा के 39 सदस्य हैं। तीनों दलों को मिलाकर कुल संख्या 180 है। भाजपा के 20 से 25 प्रतिशत विधायकों के टिकट बदले जाने की उम्मीद जताई जा रही है। लेकिन राकांपा में भी जिन विधायकों का टिकट कटने की आशंका है, वे अभी से राकांपा (शरदचंद्र पवार) की ओर जाते दिख रहे हैं। लेकिन शिवसेना में ज्यादातर वर्तमान विधायकों के टिकट न कटने की उम्मीद जताई जा रही है। क्योंकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शिवसेना से अपनी बगावत के समय अपने साथ खड़े रहनेवाले विधायकों का टिकट नहीं काटना चाहते।
विवाद में फंसी ज्यादातर सीटों का भी फैसला हो चुका
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया है कि विवाद में फंसी ज्यादातर सीटों का भी फैसला हो चुका है। बची सीटों पर भी दो दिनों में बात बन जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारे बीच तय हुआ है कि जिन दलों के हिस्से में जो-जो सीटें आई हैं, उनपर वे अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर सकते हैं।
महाराष्ट्र में जातीय समीकरण पर टिकीं सभी की निगाहें
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन का गढ़ रहे मराठवाड़ा पर विधानसभा चुनाव में सभी की निगाहें टिकी हैं, क्योंकि जातीय ध्रुवीकरण से प्रभावित इस क्षेत्र की 46 विधानसभा सीटें क्या गुल खिलाएंगी, इसका अनुमान अभी किसी को नहीं है। मराठवाड़ा ने 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना (अविभाजित) गठबंधन को 28 सीटें दी थीं।
भाजपा को 16 और शिवसेना को 12 सीटें मिली थीं। कांग्रेस और राकांपा को आठ-आठ सीटें और अन्य को दो सीटें मिली थीं। लेकिन 2023 के मध्य से मराठा समुदाय को कुनबी (खेतिहर मराठा) का दर्जा देकर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे में आरक्षण दिलवाने के लिए शुरू हुए आंदोलन ने पूरे मराठवाड़ा की हवा बदल दी है।