'बंटेंगे तो कटेंगे': सीएम योगी के नारे को मिला गडकरी का समर्थन, फडणवीस बोले- अजित पवार को बदलने में समय लगेगा
एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा है कि वह बंटेंगे तो कटेंगे नारे का समर्थन नहीं करते हैं। वहीं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा अजित जी लंबे समय तक हिंदू विरोधी विचारधारा से जुड़े रहे हैं और उन्हें बदलने में समय लगेगा। अजित पवार की एनसीपी मिलकर महायुति के नाम से चुनाव लड़ रही है।
एएनआइ, मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 'बंटेंगे तो कटेंगे' नारा जमकर चमका है और विवाद का भी विषय बना है। अब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा है कि वह इस नारे का समर्थन नहीं करते हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'एक हैं तो सेफ हैं' नारे के साथ हैं।
फडणवीस बोले- अजित पवार को बदलने में समय लगेगा
वहीं, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा अजित जी लंबे समय तक हिंदू विरोधी विचारधारा से जुड़े रहे हैं और उन्हें बदलने में समय लगेगा। एएनआइ से बातचीत में अजित पवार ने कहा, 'मैंने इस पर (बंटेंगे तो कटेंगे) अपनी असहमति दर्ज कराई है। कुछ भाजपा नेताओं ने भी यही कहा है। 'सबका साथ, सबका विकास' का अर्थ है सभी के साथ एकजुटता और सभी के लिए विकास। अब 'एक हैं तो सेफ हैं', को भी मैं इसी दृष्टिकोण से देखता हूं। हमने तुरंत कहा था कि यह उत्तर प्रदेश नहीं है, ऐसा उत्तर में चल रहा होगा, हमारे महाराष्ट्र में नहीं।'
वहीं, देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ''दशकों तक अजित ऐसी विचारधाराओं के साथ रहे हैं जो हिंदू-विरोधी और धर्मनिरपेक्ष रही हैं। जो खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, उनमें वाकई में किसी भी तरह की धर्मनिरपेक्षता नहीं होती। वह ऐसे लोगों के साथ रहे हैं जिनके लिए हिंदुत्व का विरोध करना ही धर्मनिरपेक्षता है। वह जनता का मन समझें, इसके लिए मैं कुछ वक्त चाहूंगा। ऐसे लोग या तो जनता की भावनाएं नहीं समझते या नारे नहीं समझते या फिर वे कुछ और ही कहना चाहते हैं।''
उन्होंने आगे कहा, ''मुझे योगी जी के नारे में कोई खामी नहीं दिखती। इस देश के इतिहास पर नजर डालिए। जब भी देश को जाति, राज्य, समाज में बांटा गया, हम गुलाम बने। देश को भी बांटा गया और इसी तरह लोगों को भी। यानी अगर हम बंटेंगे, हम कटेंगे। मुझे समझ में नहीं आता कि जब कोई कहता है बंटों मत, तो इसका विरोध करने का क्या कारण है।''विपक्षी महाराष्ट्र विकास आघाड़ी के बारे में उन्होंने बताया कि उलेमा काउंसिल ने उन्हें समर्थन दिया और अपनी 17 मांगें रखीं। एमवीए ने औपचारिक पत्र देकर कहा कि सभी मांगें मानेंगे। मुझे किसी भी मांग में दिक्कत नहीं, लेकिन ये क्या हैं जानना जरूरी है। जैसे एक मांग ही ले लीजिए, जिसमें 2012 से 2024 तक मुस्लिमों के खिलाफ दंगों के केस वापस लिए जाने के लिए कहा है। यह धर्मयुद्ध है और हमारा धर्मयुद्ध यतो धर्मस्ततो जय: यानी जहां धर्म है, वहां विजय है, पर आधारित है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में एक रैली को संबोधित करते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह नारा दिया था। इसके बाद पीएम मोदी ने ''एक हैं तो सेफ हैं'', का नारा दिया था। महाराष्ट्र में भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी मिलकर महायुति के नाम से चुनाव लड़ रही है।