महाराष्ट्र: 288 विधानसभा सीट पर 7994 उम्मीदवारों के नामांकन वैध; मनसे के कार्यक्रम को लेकर बढ़ी तकरार
महाराष्ट्र में 288 विधानसभा क्षेत्र के लिए दाखिल 7994 उम्मीदवार के नामांकन पत्र जांच के बाद वैध पाए गए। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय ने गुरुवार को एक बयान में बताया कि 921 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र अवैध पाए गए हैं। उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 22 अक्टूबर को शुरू हुई और 29 अक्टूबर को समाप्त हुई।
पीटीआई, मुंबई। महाराष्ट्र में 288 विधानसभा क्षेत्र के लिए दाखिल 7,994 उम्मीदवार के नामांकन पत्र जांच के बाद वैध पाए गए। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय ने गुरुवार को एक बयान में बताया कि 921 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र अवैध पाए गए हैं।
उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 22 अक्टूबर को शुरू हुई और 29 अक्टूबर को समाप्त हुई। नामांकन पत्रों की 30 अक्टूबर को जांच की गई, जबकि नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि चार नवंबर है। महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा के लिए मतदान 20 नवंबर को होगा और नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
असली मुकाबला एमवीए और महायुति में
सत्ता के लिए मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ दलों के गठबंधन 'महायुति' और विपक्षी दलों के गठबंधन 'महा विकास आघाडी' (एमवीए) के बीच है, हालांकि छोटे दल और निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में हैं। महायुति गठबंधन में भाजपा, शिवसेना और राकांपा शामिल हैं जबकि विपक्षी दलों के गठबंधन महा विकास आघाडी में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और राकांपा (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं।मनसे के कार्यक्रम को लेकर भाजपा, शिवसेना-यूबीटी के बीच जुबानी जंग
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज पार्क में दीपोत्सव मनाने को लेकर शुक्रवार को भाजपा और शिवसेना-यूबीटी के बीच इंटरनेट मीडिया पर जुबानी जंग छिड़ गई।मनसे द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का हवाला देते हुए शिवसेना-यूबीटी ने गुरुवार को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से संपर्क किया था। पार्टी ने यह भी मांग की है कि दीपोत्सव के जश्न के खर्च को माहिम विधानसभा क्षेत्र से मनसे उम्मीदवार और पार्टी प्रमुख राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे द्वारा किए गए चुनाव खर्च में शामिल किया जाए।
भाजपा ने साधा शिवसेना-यूबीटी पर निशाना
मुंबई भाजपा की ओर से एक्स पोस्ट में शिवसेना-यूबीटी पर निशाना साधते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी पार्क हिंदुत्व पर बालासाहेब ठाकरे के ऐतिहासिक भाषणों की विरासत का प्रमाण है। उनके अपने बेटे द्वारा विरासत को कलंकित किया जा रहा है, क्योंकि यूबीटी पार्क में दिवाली समारोह की शिकायत करते हुए चुनाव आयोग के पास गया है। क्या हिंदू त्योहार औरंगजेब फैन क्लब को नुकसान पहुंचा रहे हैं। शिवसेना-यूबीटी ने भाजपा पर गंदी राजनीति के लिए हिंदुत्व का उपयोग करने का आरोप लगाया। यह स्पष्ट है कि विरोध दिवाली का नहीं, बल्कि इसके राजनीतिक उपयोग का है।