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Mizoram: मतदान के बीच 'वॉकथॉन मैन' ने किया भूख हड़ताल, मतगणना की तारीख बदलने की मांग

मिजोरम में मतगणना की तारीख में बदलाव की मांग करते हुए मिजोरम के एक 65 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता ने मंगलवार को चुनाव आयोग की चुप्पी के खिलाफ भूख हड़ताल की। उन्होंने भूख हड़ताल के साथ अपना विरोध प्रदर्शन करने के लिए मतदान का दिन चुना। इस दौरान वह आइजोल के मध्य में राज्य सरकार के स्वामित्व वाले सभागार वानापा हॉल के सामने बैठे थे।

By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Tue, 07 Nov 2023 04:28 PM (IST)
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मिजोरम में मतगणना की तारीख बदलने के लिए भूख हड़ताल
आइजोल, पीटआई। मिजोरम के एक 65 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता ने मंगलवार को मतगणना के दिन को पुनर्निर्धारित करने की मांग पर चुनाव आयोग की चुप्पी के खिलाफ भूख हड़ताल की। वहीं, दूसरी ओर पूरे राज्य में 40 विधानसभा सीट के लिए मतदान जारी था।

मतगणना की तारीख बदलने की मांग

चुनाव आयोग ने तीन दिसंबर यानी रविवार को मतगणना का दिन तय किया है। ईसाई-बहुल राज्य के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से दिन बदलने का आग्रह किया है, क्योंकि इससे चर्च के कार्यक्रमों में टकराव होगा। लालबियाकथंगा ने चुनाव आयोग को भी यही मांग करते हुए पत्र लिखा है। उन्होंने भूख हड़ताल के साथ अपना विरोध प्रदर्शन करने के लिए मतदान का दिन चुना। इस दौरान वह आइजोल के मध्य में राज्य सरकार के स्वामित्व वाले सभागार वानापा हॉल के सामने बैठे थे।

लालबियाकथंगा, जिन्हें "वॉकथॉन मैन" के रूप में जाना जाता है, उन्होंने कहा, "भूख हड़ताल सुबह 7 बजे शुरू हुई और यह शाम 4 बजे तक जारी रहेगी जब मतदान समाप्त हो जाएगा।" उन्होंने कहा कि अपना विरोध दर्ज कराने के लिए वह वोट नहीं डालेंगे।

मतदान न करके जताया विरोध

ललबियाकथंगा ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, "हालांकि मेरी बहुत इच्छा है कि मैं अपना वोट डालूं, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मैं ऐसा नहीं कर सका, क्योंकि चुनाव आयोग मतगणना की तारीख बदलने की हमारी याचिका पर कार्रवाई करने में विफल रहा।"

सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) और भाजपा सहित राजनीतिक दलों, चर्च और छात्र संगठनों ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर चुनाव आयोग से मतगणना की तारीख फिर से निर्धारित करने का आग्रह किया था।

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25 अक्टूबर को चुनाव आयोग को लिखा था पत्र

वॉकथॉन मैन ने 25 अक्टूबर को ईसीआई को पत्र लिखकर मतगणना की तारीख को शनिवार और रविवार के अलावा किसी अन्य दिन में बदलने का आग्रह किया था। जातीय संघर्ष से प्रभावित राज्य में शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए इस साल मई में लालबियाकथंगा ने आइजोल से मणिपुर के चुराचांदपुर तक 300 किमी से अधिक की दूरी तय करने के लिए 10 दिनों तक पैदल यात्रा की।

कई बार कर चुके हैं हजारों किलोमीटर की यात्रा

पिछले साल, उन्होंने भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के मद्देनजर जागरूकता फैलाने के मिशन के तहत मिजोरम के सभी 11 जिलों के 118 गांवों का दौरा करते हुए 40 दिनों में 1,212 किलोमीटर की यात्रा की थी। मार्च 2021 में, उन्होंने पड़ोसी देश के लोगों के प्रति एकजुटता बढ़ाने के लिए आइजोल से भारत-म्यांमार सीमा पर जोखावथर गांव तक 200 किमी से अधिक की पैदल यात्रा की थी। 1997 में, उन्होंने राज्य के लगभग 50 गांवों की यात्रा की और छात्रों के बीच पर्यावरण और वन्य जीव संरक्षण पर जागरूकता फैलाई।

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