लोकसभा चुनावBack

प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (भाजपा)

16 मई, 1996 से 1 जून, 1996 तक, और19 मार्च, 1998 से 22 मई, 2004 तक
atal bihari vajpayee

अटल बिहारी वाजपेयी देशवासियों के दिलों में एक ओजस्वी वक्ता और उसूलों वाले राजनेता के रूप में स्थान रखते हैं। उनके भाषणों के अभी भी लोग कायल हैं। जनता के हृदय में राज करने वाले अटल ने 13 अक्टूबर, 1999 को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रमुख के रूप में लगातार दूसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। वह 1996 में 13 दिन के लिए प्रधानमंत्री बने थे। वह पंडित जवाहरलाल नेहरू के बाद ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो लगातार दो बार जनता से जनादेश पाकर देश के प्रधानमंत्री बने।

सरल एवं कवि हृदय अटल बिहारी वाजपेयी ने चार दशकों से अधिक समय संसद में गुजारा। वे नौ बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा के सदस्य बने। देश के प्रधानमंत्री के अलावा उन्होंने विदेश मंत्री, संसद की विभिन्न महत्वपूर्ण स्थायी समितियों के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया। वे घरेलू और विदेश नीति को आकार देने में सक्रिय भागीदार रहे।

वे अंग्रेजों के खिलाफ चले 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल हुए। राजनीति विज्ञान और कानून के छात्र होने के नाते उनमें कॉलेज के समय से ही विदेशी मामलों में गहरी रुचि विकसित हुई। उन्होंने पत्रकार के रूप में अपना करियर शुरू किया। इसके बाद वे भारतीय जनसंघ में शामिल हो गए, जो आज की भारतीय जनता पार्टी का अग्रदूत है।

अटल बिहारी वाजपेयी 25 दिसंबर, 1924 को तत्कालीन ग्वालियर रियासत (अब भारतीय राज्य मध्य प्रदेश का एक हिस्सा) में एक साधारण स्कूल शिक्षक के परिवार में जन्मे थे। उनका आदर एक ऐसे नेता के रूप में किया जाता है जो कि अपने उदार विश्व दृष्टिकोण और लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति प्रतिबद्ध थे।