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प्रधानमंत्री चन्द्र शेखर (जनता दल (एस))

10 नवम्बर 1990 से 21 जून 1991 तक
chandrashekhar

चंद्रशेखर का जन्म 17 अप्रैल, 1927 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के इब्राहिमपट्टी गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। वह 1977 से 1988 तक जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे।

चंद्रशेखर छात्र जीवन से ही राजनीति की ओर आकर्षित थे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (1950-51) से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री के बाद वह समाजवादी आंदोलन में शामिल हो गए। उन्हें आचार्य नरेंद्र देव के साथ निकटता से जुड़े रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

1962 में वे उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने गए। वह जनवरी, 1965 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए। 1967 में उन्हें कांग्रेस संसदीय दल का महासचिव चुना गया। उन्होंने दलितों के हितों की वकालत करने और तेजी से सामाजिक परिवर्तन के लिए नीतियों की पैरवी करने में गहरी दिलचस्पी लेकर अपनी पहचान बनाई।

अपने दृढ़ विश्वास, साहस और सत्यनिष्ठा के कारण वह 'युवा तुर्क' नेता के रूप में पहचाने जाने लगे। उन्होंने 1969 में दिल्ली से प्रकाशित साप्ताहिक यंग इंडियन की स्थापना और संपादन किया। इसके संपादकीय को उस समय के सबसे अधिक उद्धृत संपादकीय में से एक होने का गौरव प्राप्त था। आपातकाल (जून, 1975 से मार्च, 1977) के दौरान यंग इंडियन को बंद करना पड़ा। फरवरी, 1989 में इसका नियमित प्रकाशन फिर से शुरू हुआ। आगे चलकर वह इसके संपादकीय सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष रहे।

चंद्रशेखर सदैव व्यक्तित्व की राजनीति के विरुद्ध रहे और विचारधारा एवं सामाजिक परिवर्तन की राजनीति के पक्षधर रहे। इसी कारण वे 1973-75 के अशांत दिनों के दौरान जयप्रकाश नारायण और उनके जीवन के आदर्शवादी दृष्टिकोण की ओर प्रेरित हुए। वह जल्द ही कांग्रेस पार्टी के भीतर असंतोष का केंद्र बिंदु बन गए।

जब 25 जून, 1975 को आपातकाल की घोषणा की गई तो उन्हें आंतरिक सुरक्षा रखरखाव अधिनियम (मीसा) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी गिरफ्तारी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के शीर्ष निकाय केंद्रीय चुनाव समिति और कार्य समिति के सदस्य होने के बाद भी की गई।

चंद्रशेखर तत्कालीन सत्तारूढ़ दल के उन कुछ व्यक्तियों में से थे, जिन्हें आपातकाल के दौरान जेल में डाल दिया गया था। उनका निधन 8 जुलाई, 2007 को नई दिल्ली में हुआ।