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प्रधानमंत्री चरण सिंह (जनता पार्टी)

28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक
choudhary charan singh

चरण सिंह का जन्म 1902 में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर में एक मध्यम वर्गीय किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने 1923 में विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 1925 में आगरा विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर किया। उन्होंने गाजियाबाद में वकील के रूप में प्रैक्टिस की। साल 1929 में वे मेरठ चले आए और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए।

वह पहली बार उत्तर प्रदेश की छपरौली से विधानसभा से 1937 में चुने गए। इसके बाद वे इस क्षेत्र से 1946, 1952, 1962 और 1967 में विधायक बने। 1951 में उन्हें राज्य में कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया गया और न्याय और सूचना विभाग का प्रभार दिया गया। बाद में उन्होंने 1952 में डॉ. संपूर्णानंद के मंत्रिमंडल में राजस्व और कृषि मंत्री का पदभार संभाला। जब उन्होंने अप्रैल, 1959 में इस्तीफा दिया, तो वे राजस्व और परिवहन विभाग का प्रभार संभाल रहे थे।

चरण सिंह पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री 1967 में बने। दूसरी बार वे सीएम 1970 में कांग्रेस पार्टी के समर्थन से बने। हालांकि, 2 अक्टूबर 1970 को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया।

देश में कुछ ही राजनीतिक नेता जमीनी स्तर पर उनकी लोकप्रियता की बराबरी कर सकते थे। चौधरी चरण सिंह सिर्फ एक नेता नहीं थे, बल्कि उन्हें किसानों का मसीहा भी कहा जाता था। बात करने के अपने सहज और सरल तरीके से वे आम जनता को काफी प्रभावित करते थे।

चौधरी चरण सिंह ने सादा जीवन व्यतीत किया और अपना खाली समय पढ़ने और लिखने में बिताया। उन्होंने कई पुस्तकें और पुस्तिकाएं लिखीं।