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प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (कांग्रेस)

15 अगस्त 1947 से 27 मई 1964 तक
jawahar lal nehru

पं. जवाहरलाल नेहरू ने आधुनिक भारत के निर्माण में अहम रोल अदा किया। उन्होंने योजना आयोग का गठन किया। इसके साथ ही देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास को प्रोत्साहित किया गया। उन्होंने तीन लगातार पंचवर्षीय योजनाओं का शुभारंभ किया। उनकी नीतियों के कारण देश में कृषि और उद्योग का एक नया युग शुरू हुआ।

जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही शिक्षकों से ली। पंद्रह साल की आयु में वह इंग्लैंड चले गए और हैरो में दो साल बिताने के बाद कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में पढ़ने गए, जहां पर उन्होंने नेचुरल साइंस में शिक्षा ग्रहण की। वह 1912 में भारत लौट आए और सीधे राजनीति में उतर गए। भारत आकर उन्होंने स्वतंत्रता के संघर्ष में भाग लिया।

1916 में उनकी महात्मा गांधी से पहली मुलाकात हुई और वे उनसे बेहद प्रेरित हुए। उन्होंने 1920 में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में पहला किसान मार्च आयोजित किया। 1920-22 के असहयोग आंदोलन के सिलसिले में उन्हें दो बार जेल भेजा गया।

सितंबर, 1923 में नेहरू अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव बने। 1926 में मद्रास कांग्रेस में नेहरू ने कांग्रेस को स्वतंत्रता के लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 1928 में साइमन कमीशन के खिलाफ जुलूस का नेतृत्व करते समय उन पर लखनऊ में लाठीचार्ज किया गया।

1929 में नेहरू को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन का अध्यक्ष चुना गया। 1930-35 के दौरान नमक सत्याग्रह और कांग्रेस द्वारा चलाए गए अन्य आंदोलनों के सिलसिले में उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा।

युद्ध में भारत की जबरन भागीदारी के विरोध में नेहरू ने सत्याग्रह करने का फैसला लिया, जिस पर 31 अक्टूबर, 1940 को उन्हें गिरफ्तार किया गया। दिसंबर, 1941 में उन्हें अन्य नेताओं के साथ रिहा कर दिया गया। 7 अगस्त, 1942 को पं. नेहरू ने ऐतिहासिक 'भारत छोड़ो' प्रस्ताव पेश किया। बम्बई में 8 अगस्त, 1942 को उन्हें अन्य नेताओं के साथ गिरफ्तार कर लिया गया और अहमदनगर किले में ले जाया गया। यह उनकी सबसे लंबी और आखिरी हिरासत थी। कुल मिलाकर उन्हें नौ बार कारावास भुगतना पड़ा।