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Rajasthan Polls: कोटा में गर्माया एयरपोर्ट का मुद्दा, एक-दूसरे पर आरोप लगा रही भाजपा और कांग्रेस; किसके दावे सच्चे?

राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर जमकर प्रचार प्रसार हो रहा है। ऐसे में शिक्षा के केंद्र कोटा में एयरपोर्ट की कमी का मुद्दा जोर पकड़ रहा है। कोटा उत्तर के वर्तमान विधायक और गहलोत सरकार में मंत्री धारीवाल ने इस मुद्दे पर भाजपा की आलोचना की और परियोजना को रोकने के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया जबकि भाजपा परियोजना में देरी के लिए गहलोत सरकार को जिम्मेदार बता रही।

By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Mon, 20 Nov 2023 04:05 PM (IST)
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (बाएं) और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (दाएं) (फाइल फोटो)
पीटीआई, कोटा। राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर जमकर प्रचार प्रसार हो रहा है। ऐसे में शिक्षा के केंद्र कोटा में एयरपोर्ट की कमी का मुद्दा जोर पकड़ रहा है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही एयरपोर्ट परियोजना के आगे नहीं बढ़ने के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रही हैं।

एयरपोर्ट का मुद्दा विशेष रूप से कोटा उत्तर सीट पर प्रचार अभियान में अपनी जगह बना चुका है, जहां से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विश्वासपात्र शांति धारीवाल के सामने वसुंधरा राजे के वफादार प्रह्लाद गुंजल चुनावी मैदान में हैं।

नियमित फ्लाइट की उठ रही मांग!

बता दें कि कोटा में एक छोटा एयरपोर्ट मौजूद है, लेकिन नियमित उड़ान सेवाओं के अभाव में महज वीआईपी या फिर स्पेशल फ्लाइट की ही लैंडिंग होती है। कमर्शियल फ्लाइट्स के साथ रेगुलर एयरपोर्ट की यहां पर लंबे समय से मांग उठती रही है और अब उनकी गूंज चुनाव अभियानों में भी सुनाई दे रही है। यह 2018 के विधानसभा चुनावों के साथ ही 2019 के लोकसभा चुनावों में भी एक चुनावी मुद्दा था।

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पढ़ाई के लिए कोटा आते हैं छात्र

इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षा जेईई और एनईईटी की तैयारी के लिए सालाना दो लाख से अधिक छात्र कोटा आते हैं। उनमें से कई दूर-दराज के इलाकों से यात्रा करते हैं, लेकिन एयरपोर्ट के अभाव में उन्हें नई दिल्ली, जयपुर या उदयपुर के रास्ते कोटा आना पड़ता है।

कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही आंध्र प्रदेश के कुरनूल की छात्रा सरीना संदीप ने कहा कि देशभर से छात्र कोटा आते हैं। कुछ तो बहुत दूर राज्यों से आते हैं और वहां से यात्रा करने में काफी समय लगता है। ऐसे में यह (एयरपोर्ट) सुविधा कोटा में होनी चाहिए।

'कोटा में हवाई कनेक्टिविटी की जरूरत'

वहीं, मध्य प्रदेश के शहडोल के एक अभिभावक राजेंद्र सिंह ने कहा कि यहां पर ट्रेन कनेक्टिविटी अच्छी है, लेकिन कई बार एक ही दिन का समय होता है जिसमें बच्चे से मिलकर वापस लौटना होता है। ऐसी स्थिति में अगर हवाई कनेक्टिविटी हो तो बहुत समय बचाया जा सकता है।

पटना के एक अन्य अभिभावक प्रवीण कुमार सिंह ने कहा कि ट्रेन में बहुत समय बर्बाद होता है। कोटा में एयर कनेक्टिविटी होनी चाहिए, क्योंकि यहां देशभर से बच्चे आते हैं। साल में कभी भी बच्चों से मिलना हो तो पांच दिन का समय निकालना पड़ता है। एयर कनेक्टिविटी होगी तो एक-दो दिन में काम हो जाएगा।

भाजपा उम्मीदवार गुंजल ने क्या कुछ कहा?

कोटा उत्तर से भाजपा उम्मीदवार प्रह्लाद गुंजल ने दावा किया कि मंजूरी के बावजूद राज्य को जो जमीन देनी थी वह नहीं दी गई। यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी थी। जहां भी एयरपोर्ट बनते हैं, राज्य सरकार जमीन मुहैया कराती है। राज्य सरकार ने अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई। वे कुछ भी कह सकते हैं, लेकिन राज्य सरकार जिम्मेदार है।

(कोटा उत्तर से भाजपा उम्मीदवार प्रह्वाद गुंजल - फोटो: @PrahladGunjal)

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समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि हम कोटा से वादा करते हैं कि अपनी राज्य सरकार के तहत एयरपोर्ट का काम प्राथमिकता के आधार पर कराएंगे।

गहलोत सरकार ने केंद्र को ठहराया जिम्मेदार

वहीं, कोटा उत्तर के वर्तमान विधायक और गहलोत सरकार में मंत्री धारीवाल ने इस मुद्दे पर भाजपा की आलोचना की और परियोजना को रोकने के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया। सितंबर में अशोक गहलोत ने कोटा में प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण में देरी के लिए केंद्र को दोषी ठहराया था।