Rajasthan Election 2023: वसुंधरा की नहीं, अपने घर और पायलट की चिंता करें गहलोत; भाजपा नेता देवनानी का कटाक्ष
भाजपा नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने अशोक गहलोत पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे के बारे में आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है आप अपने घर तथा सचिन पायलट की चिंता करें। उन्होंने कहा कि जनता को केवल 25 नवंबर का इंतजार है और राज्य की जनता उन्हें सबक सिखाने को तत्पर है।
राज्य ब्यूरो, उदयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) को लेकर दिए बयान पर शुक्रवार को भाजपा नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई।
उन्होंने कहा कि उनकी नेता वसुंधरा राजे के बारे में गहलोत को चिंता करने की जरूरत नहीं है, वह अपने घर तथा सचिन पायलट की चिंता करें। देवनानी शुक्रवार को उदयपुर में मीडिया से बात कर रहे थे। प्रदेश के सीएम गहलोत ने गुरुवार को जयपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि भाजपा उनकी वजह से वसुंधरा से बदला नहीं लें।
क्या कुछ बोले वासुदेव देवनानी?
पूर्व मुख्यमंत्री देवनानी ने सीएम गहलोत तथा कांग्रेस पर जुबानी हमला करते हुए कहा कि जनता को केवल 25 नवंबर का इंतजार है और राज्य की जनता उन्हें सबक सिखाने को तत्पर है। उन्होंने कहा कि वह सपना देखना बंद कर दें कि वह लगातार दूसरी बार सीएम बनेंगे। राज्य में भाजपा दो तिहाई बहुमत के साथ जीतने जा रही है।
उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत को कुर्सी प्यारी है। उन्हें न तो अपनी पार्टी और न ही अपने आलाकमान से कोई मतलब है। एक तरह से वह अनुशासित नहीं हैं। पार्टी जब उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना चाह रही थी तब उनको कुर्सी प्यारी लगी। उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जब बुलाया तो वह नहीं गए और कुर्सी से चिपके रहे।
'पार्टी से हमारी पहचान'
भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची को लेकर उपजे विवाद पर पूर्व मंत्री देवनानी ने कहा कि भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। लोग कई महीनों से तैयारी में जुटे थे और वह भी टिकट चाहते हैं। टिकट एक को ही मिलना है तो थोड़ा-बहुत विरोध होता है, लेकिन भाजपा में पार्टी और कमल पहचान है। पिछले कुछ दिनों से विरोध थमने लगा है और समय के अनुसार वह खत्म हो जाएगा, इसका मूल कारण है कि हमारी पार्टी अनुशासित लोगों की है।
उन्होंने कहा कि खुद उनकी पहचान पार्टी से है। यहां कोई छोटा-बड़ा नहीं। इसलिए राज्य में कमल के निशान पर ही वोट मांगे जा रहे हैं।