Move to Jagran APP

Assembly Election 2023: आचार संहिता लागू होते ही लगा शिकायतों का अंबार, नौ दिन में 500 मामले दर्ज

निर्वाचन कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि नौ दिनों में 500 के करीब शिकायतें मिल चुकी है जिसमें राजनीतिक मामलों के साथ विभागीय मामले भी शामिल हैं। आचार संहिता में वन विभाग के अधिकारियों की पदस्थापना और पदोन्न्ति के मामले में विवाद बढ़ते जा रहा है। भाजपा ने इसकी शिकायत निर्वाचन कार्यालय के माध्यम से चुनाव आयोग को की है।

By Jagran NewsEdited By: Shalini KumariUpdated: Tue, 17 Oct 2023 06:30 PM (IST)
Hero Image
आचार संहिता के नौ दिन में मिली 500 शिकायतें
राज्य ब्यूरो, रायपुर। चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में राजनीतिक दलों और अधिकारियों के खिलाफ शिकायत पहुंचने लगी है। आचार संहिता लगे सिर्फ नौ दिन ही हुए हैं, लेकिन निर्वाचन कार्यालय में शिकायतों का अंबार लगा हुआ है। अधिकारियों की पदस्थापना और स्थानांतरण पर भी राजनीतिक पार्टियों ने निर्वाचन आयोग में आपत्ति दर्ज कराई है। कहीं भड़काऊ भाषण तो, कहीं इंटरनेट मीडिया पर सामग्री प्रसारित करने का भी मामला है।

500 का आंकड़ा हुआ पार

निर्वाचन कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि अभी तक 500 के करीब शिकायतें मिल चुकी है, जिसमें राजनीतिक मामलों के साथ विभागीय मामले भी शामिल हैं। आचार संहिता के दौरान तबादला-पदोन्नति तो है ही निविदा जारी करने के साथ खरीदी-बिक्री के प्रकरणों को भी कार्यालय में सबूतों के साथ भेजा जा रहा हैं। सी-विजिल एप के माध्यम से भी आम आदमी फोटो के साथ शिकायतें भेज रहे हैं।

यह भी पढ़ें: Code Of Conduct: क्या होती है आचार संहिता? कब और क्यों लागू होते हैं चुनावी नियम; पढ़ें सभी सवालों के जवाब

कई वन अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध

आचार संहिता में वन विभाग के अधिकारियों की पदस्थापना और पदोन्न्ति के मामले में विवाद बढ़ते जा रहा है। भाजपा ने इसकी शिकायत निर्वाचन कार्यालय के माध्यम से चुनाव आयोग को की है। भाजपा के चुनाव समन्वय समिति के डॉ. विजय शंकर मिश्रा ने बताया कि वन विभाग में 2006 बैच के आइएफएस अधिकारी प्रभात मिश्रा, जो कि वर्तमान में जैव विविधता बोर्ड, छत्तीसगढ़ के सदस्य सचिव हैं, उनकी पदस्थापना हाल ही में वरिष्ठ पीसीसीएफ रैंक के अधिकारी पद पर की गई है।

इसके अलावा, वन विभाग में विभिन्न पदों पर पदस्थापना के साथ तबादले का दौर जारी है। इससे निर्वाचन प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। भाजपा ने मांग की है कि पूरी प्रक्रिया की पारदर्शी तरीके से जांच की जाए। साथ ही, दोषियों पर ठोस कार्रवाई की जाए। भाजपा ने शिकायत दर्ज कराई है कि ये अधिकारी कांग्रेस पार्टी के लिए चुनाव के दौरान काम कर रहे हैं। इसलिए निर्वाचन कार्यालय ऐसे अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई करें और उनका तबादला किसी अन्य स्थान पर करें।

आचार संहिता का उल्लंघन करने पर क्या है सजा का प्रावधान?

मालूम हो कि चुनावी तारीखों का ऐलान होने के बाद से आचार संहिता लागू हो जाती है। इसके लागू होने के बाद राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को कई बातों का खास ध्यान रखना पड़ता है। इनका उल्लंघन करने पर उन्हें काफी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। दरअसल, इसके लिए प्रत्याशी या पार्टी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई या उसकी बर्खास्तगी भी हो सकती है।

भारतीय दंड संहिता के विभिन्न धाराओं में सजा का प्रावधान किया गया है। अगर कोई प्रत्याशी धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर विभिन्न समुदाय के बीच शत्रुता या घृणा फैलाने की कोशिश करता है तो, ऐसी परिस्थिति में उसे तीन से पांच साल तक की सजा हो सकती है। यह गैरा जमानती व संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है

इसके अलावा, यदि कोई भी प्रत्याशी किसी अन्य प्रत्याशी के निजी जीवन के ऐसे पहलुओं की आलोचना करता है, जिसकी सत्यता साबित नहीं हुई है, तो उसके लिए भी सजा का प्रावधान है। यह एक जमानती अपराध है, जिसकी सुनवाई प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के समक्ष होगी। इसी प्रकार, निर्वाचन प्रचार के लिए मस्जिदों, गिरजाघरों, मंदिरों या अन्य पूजा स्थलों का प्रचार मंच के रूप में उपयोग करना भी गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में शामिल हैं।

यह भी पढ़ें: MP Congress Manifesto: क्‍या चुनावी वैतरणी में 'गइया' पार लगाएगी कांग्रेस की नैया? BJP की योजनाओं की भी निकाली काट

Quiz

Correct Rate: 0/3
Correct Streak: 0
Response Time: 0s

कहानी फिल्म की मुख्य नायिका कौन थी

  • करीना कपूर
  • आलिया भट्ट
  • विद्या बालन
  • सोनाक्षी सिन्हा