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Rajasthan Polls: राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा के बागी बिगाड़ रहे समीकरण, कई सीटों पर दोनों पार्टियों के लिए बने मुसीबत

राजस्थान विधानसभा चुनाव में करीब दो दर्जन बागी उम्मीदवार कांग्रेस और भाजपा के लिए मुसीबत बने हुए हैं। इन उम्मीदवारों की वजह से समीकरण बदल सकते हैं। सांचौर सीट पर पूर्व विधायक जीवाराम के निर्दलीय चुनाव लड़ने से भाजपा प्रत्याशी और सांसद देवजी पटेल मुसीबत में है। वहीं कांग्रेस के कई बागी नेताओं ने अपने ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Thu, 09 Nov 2023 06:52 PM (IST)
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राजस्थान चुनाव में दो दर्जन बागी नेता कांग्रेस और भाजपा के लिए मुसीबत बन सकते हैं। (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में करीब दो दर्जन बागी कांग्रेस और भाजपा के लिए मुसीबत बने हुए हैं। बागी दोनों ही पार्टियों के चुनावी समीकरण बिगाड़ रहे हैं। हालांकि, इन्हे मनाने की कोशिश भी हुई, लेकिन दोनो ही पार्टियों के दो दर्जन मजबूत बागियों ने चुनाव मैदान में हटने से इनकार कर दिया।

पार्टियों ने की मनाने की कोशिश

दोनों ही पार्टियों ने सत्ता में आने पर राजनीतिक नियुक्ति देकर उपकृत करने और लोकसभा व राज्यसभा चुनाव में उनके नाम पर विचार करने का लालच भी दिया है। यह लालच कुछ ही विधानसभा क्षेत्रों में काम कर सका है। भाजपा में बागियों को मनाने की कमान केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी, जलशक्ति मंत्री वसुंधरा राजे, प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने सम्भाली।

वहीं, कांग्रेस में यह काम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के पास रहा है। बागियों को मनाने के लिए दस दिन पहले केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी, लेकिन इस कमेटी को कोई खास सफलता नहीं मिली।

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भाजपा में यह बागी बिगाड़ रहे समीकरण

सांचौर सीट पर पूर्व विधायक जीवाराम के निर्दलीय चुनाव लड़ने से भाजपा प्रत्याशी और सांसद देवजी पटेल मुसीबत में है। चौधरी को पूर्व विधायक दानाराम का समर्थन हासिल है। चित्तोड़गढ़ सीट पर पूर्व विधायक चंद्रभान आक्या भाजपा प्रत्याशी नरपत सिंह राजवी के समीकरण बिगाड़ रहे है।

शिव सीट पर रविंद्र सिंह भाटी भाजपा प्रत्याशी के लिए परेशानी का काम बने हुए हैं। सूतगढ़ में पूर्व विधायक राजेंद्र भादू, डीडवाना में यूनुस खान, लाडपुरा में पूर्व संसदीय सचिव भवानी सिंह राजावत, खंडेला में बंशीधर बाजिया, झुंझुंनूं में राजेंद्र भांबू, फतेहपुर में मधुसुदन, शाहपुरा में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल और अनूपगढ़ में शिमला बावरी भाजपा के अधिकृत प्रत्याशियों के चुनावी समीकरण बिगाड़ रहे हैं।

झोटवाड़ा सीट पर पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत की समझाश करने में पार्टी सफल रही है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बातचीत के बाद उन्होंने गुरूवार को अपना नाम वापस ले लिया। चौहटन के पूर्व विधायक तरूण राय कागा और शिव के पूर्व विधायक जालम सिंह रावलोत राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी में शामिल होकर भाजपा प्रत्याशियों के लिए परेशानी का कारण बने हैं।

कांग्रेस में यह है बागी

सरदारशहर सीट पर राजकरण चौधरी, मसूदा में पूर्व संसदीय सचिव ब्रहमदेव कुमावत, हिंडौन में बृजेश जाटव, मनोहर थाना में पूर्व विधायक कैलाश मीणा, अजमेर दक्षिण में हेमंत भाटी, नगर में गोविंद शर्मा, शाहपुरा में विधायक आलोक बेनीवाल, नागौर में पूर्व मंत्री हबीर्बुर रहमान एवं राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ में विधायक जौहरी लाल मीणा ने कांग्रेस प्रत्याशियों के चुनावी समीकरण बिगाड़ रखे हैं। जौहरीलाल ने तो कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जितेंद्र सिंह पर पैसे लेकर टिकट देने का आरोप लगाया है। अजमेर दक्षिण से कांग्रेस के बागी हेमंत भाटी ने नाम वापस ले लिया।

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बसपा के चार प्रत्याशी मैदान से हटे

बसपा के चार प्रत्याशियों ने गुरूवार को नाम वापस ले लिया। इनमें सांगानेर से प्रत्याशी रामलाल ने कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की है। हवामहल से तरूणा पाराशर,सिविल लाइंस से अरूण चतुर्वेदी एवं आदर्शन नगर से हसन राजा चुनाव मैदान से हट गए हैं।