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Rajasthan Election 2023: कांग्रेस में टिकट को लेकर मंथन, 70 सीटों पर उतरेंगे नए चेहरे; कुछ की होगी छुट्टी

Rajasthan Election 2023 राजस्थान विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस इस बार हर पांच साल में बदलाव की परंपरा (रिवाज) बदलने को लेकर मजबूत रणनीति बनाने में जुटी है। गौरतलब है कि 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 102 विधायक हैं। कांग्रेस ने स्वतंत्र एजेंसी से दो बार सर्वे करवाने के साथ ही पड़ोसी राज्यों के नेताओं को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा है।

By Prince SharmaEdited By: Prince SharmaUpdated: Fri, 15 Sep 2023 06:30 AM (IST)
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Rajasthan Election 2023: कांग्रेस में टिकट को लेकर मंथन, 70 सीटों पर उतरेंगे नए चेहरे
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस इस बार हर पांच साल में बदलाव की परंपरा (रिवाज) बदलने को लेकर मजबूत रणनीति बनाने में जुटी है। इसी कड़ी में वह 50 से ज्यादा विधायकों के टिकट काटने की तैयारी कर रही है। इसमें कई मंत्री भी शामिल हैं।

विधानसभा में 102 कांग्रेस के हैं विधायक

गौरतलब है कि 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 102 विधायक हैं। पिछले दो दशक में ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रदेश के सभी दो सौ विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस ने स्वतंत्र एजेंसी से दो बार सर्वे करवाने के साथ ही पड़ोसी राज्यों के नेताओं को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा है। इन पर्यवेक्षकों ने निचले स्तर के कार्यकर्ता से लेकर वरिष्ठ नेताओं तक से संभावित उम्मीदवारों के बारे में फीडबैक लिया।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस की गुप्तचर शाखा से पार्टी के वर्तमान विधायकों के साथ ही सभी विधानसभा क्षेत्रों का रिपोर्ट कार्ड तैयार करवाया है। सर्वे, पार्टीस्तर के फीडबैक और गुप्तचर शाखा की रिपोर्ट के बाद कांग्रेस 10 मंत्रियों सहित 50 से अधिक वर्तमान विधायकों के टिकट काटने की तैयारी कर रही है।

70 सीटों पर नए चेहरे

कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी के एक सदस्य ने बताया कि पार्टी करीब 70 सीटों पर बिल्कुल नए चेहरे उतारेगी। लगातार दो चुनाव हारने वालों को टिकट नहीं दिया जाएगा। स्क्रीनिंग कमेटी ने सभी दो सौ सीटों पर दो-दो नाम का पैनल तैयार कर लिया है। इस बीच कांग्रेस, भाजपा विरोधी दलों से गठबंधन की भी तैयारी कर रही है।

सूत्रों के अनुसार सीएम गहलोत की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी से इस बारे में बातचीत हुई है।

जयंत चौधरी भरतपुर संभाग में दो सीटों की मांग कर रहे हैं। वहीं, बेनीवाल 10 से पंद्रह सीट चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस उन्हें चार-पांच सीट से अधिक देने को तैयार नहीं है। माकपा व भारतीय ट्राइबल पार्टी को भी दो-दो सीट देने पर कांग्रेस विचार कर रही है।

बड़े नेता या स्वजन को नहीं मिलेगा टिकट

वर्तमान में दोनों पार्टियों के दो-दो विधायक हैं। कांग्रेस ने तय किए मापदंड कांग्रेस ने इस बार टिकट तय करने में नेताओं की सिफारिश के स्थान पर जीत को प्राथमिकता देने पर सख्ती बरतने का निर्णय लिया है। जीतने योग्य नेता को ही टिकट दिया जाएगा। लगातार दो बार हारने वालों व बड़े नेता के स्वजन को टिकट नहीं मिलेगा। सीट बदलने की अनुमति किसी नेता को नहीं मिलेगी।

अधिकांश उम्मीदवार युवा होंगे। आरोपों से घिरे विधायकों को फिर उम्मीदवार नहीं बनाया जाएगा। भाजपा नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल को शाहपुरा सीट से टिकट देने पर कांग्रेस आलाकमान सहमत है। अधिकांश मंत्री चुनाव हारते हैं 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 105 विधायकों को फिर से टिकट दिया था। इनमें से 91 हारे थे, जिनमें 31 मंत्री शामिल थे।

पार्टी को फीडबैक लेने की सलाह

साल 2003 के चुनाव में तत्कालीन गहलोत सरकार के 30 में से 18 मंत्री हारे थे। वहीं, 156 में से मात्र 34 विधायक ही फिर से चुनाव जीत सके थे। सर्वे में इसका प्रमुख कारण मंत्रियों व विधायकों की कार्यकर्ताओं और आम जनता से दूरी माना गया है। सर्वे रिपोर्ट और पार्टी के फीडबैक में टिकट बदलने की सलाह दी गई है।