Rajasthan Election 2023: आखिर सचिन पायलट से क्यों मिले गहलोत के OSD लोकेश शर्मा? अटकलों का बाजार गर्म
राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने रविवार को जयपुर में कांग्रेस नेता सचिन पायलट से मुलाकात की। इस बैठक के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई। 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने शनिवार को 33 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। पार्टी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सरदारपुरा से मैदान में उतारा है।
By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sun, 22 Oct 2023 07:41 PM (IST)
एएनआई, जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने रविवार को जयपुर में कांग्रेस नेता सचिन पायलट से मुलाकात की। इस बैठक के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई। आखिर ऐसी क्या वजह है कि लोकेश शर्मा ने सचिन पायलट से मुलाकात की? लेकिन इस सवाल से पर्दा उठ गया है।
क्या कुछ बोले लोकेश शर्मा?
बकौल एजेंसी, लोकेश शर्मा ने कहा कि सचिन पायलट एक वरिष्ठ नेता हैं और उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर उनका मार्गदर्शन और सुझाव लेने के लिए उनसे मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सचिन पायलट एक वरिष्ठ नेता हैं। पार्टी ने मुझे सेंट्रल वॉर रूम का सह-अध्यक्ष बनाया है, इसलिए मैं उनसे मार्गदर्शन और सुझाव लेने के लिए यहां आया हूं। उनके सुझाव हमें बेहतर करने में मदद करेंगे ताकि हम पूरी ताकत और तैयारी के साथ चुनाव लड़ सकें।
यह पूछे जाने पर कि वह चुनाव लड़ रहे हैं या नहीं? इस पर उन्होंने कहा कि हर सक्रिय सदस्य चुनाव लड़ना चाहता है। हालांकि, यह पार्टी तय करेगी कि चुनाव कौन लड़ेगा और कौन नहीं।यह भी पढ़ें: भाजपा की दूसरी लिस्ट जारी होने के बाद बढ़ा विरोध, पार्टी कार्यालय पर हुआ पथराव
कांग्रेस की पहली सूची जारी
25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने शनिवार को 33 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। पार्टी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सरदारपुरा से मैदान में उतारा है, जबकि सचिन पायलट टोंक से चुनाव लड़ेंगे। वहीं, राजस्थान कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा लक्ष्मणगढ़ से अपना पर्चा भरेंगे।यह भी पढ़ें: BJP ने जारी किए 124 उम्मीदवारों के नाम, दिग्गज नेता इन सीटों से भरेंगे हुंकार; पढ़ें पूरी लिस्ट
सनद रहे कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 200 में से 99 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जबकि भाजपा ने 73 सीटों पर कब्जा किया था।