Rajasthan Election 2023: गहलोत सरकार के लिए आफत बना कर्ज माफी का मुद्दा, विपक्ष ने जमकर घेरा; याद दिलाए वादे
Rajasthan Election 2023 जयपुर राजस्थान में किसानों पर बढ़ता कर्ज और वसूली के लिए बैंकों के नोटिस। खराब फसल और अन्य परिस्थितियों के कारण कर्ज नहीं चुकाने पर जमीनों की कुर्की विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। अशोक गहलोत सरकार ने किसानों की सुध नहीं ली। वसुंधरा ने कहाकांग्रेस ने साल 2018 में चुनाव घोषणापत्र में किसान कर्ज माफी का वादा किया था।
जयपुर, जागरण संवाददाता। जयपुर राजस्थान में किसानों पर बढ़ता कर्ज और वसूली के लिए बैंकों के नोटिस। खराब फसल और अन्य परिस्थितियों के कारण कर्ज नहीं चुकाने पर जमीनों की कुर्की विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है।
घोषणापत्र में कर्ज माफी का किया था वादा- वसुंधरा
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने कहा, घोषणापत्र में तो सहकारी बैंकों के कर्ज माफ करने की बात नहीं हुई थी। लेकिन अब सरकार केवल सहकारी बैंकों के कर्ज माफ करने की बात कह रही है। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने कहा, पांच साल में हजारों किसानों की जमीन कुर्क हो गई। लेकिन अशोक गहलोत सरकार ने किसानों की सुध नहीं ली। वसुंधरा ने कहा,कांग्रेस ने साल, 2018 में चुनाव घोषणापत्र में किसान कर्ज माफी का वादा किया था।
उस समय कांग्रेस ने यह नहीं कहा था कि केवल सहकारी बैंकों का ही कर्ज माफ करेंगे। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कर्ज माफ करने का वादा किया था। उन्होंने भी सहकारी बैंकों तक ही सीमित रहने की बात नहीं कही थी। उन्होंने कहा, कांग्रेस सरकार ने किसानों के साथ वादाखिलाफी की है। किसान वर्ग चुनाव में कांग्रेस को सबक सिखाएगा। भाजपा विधानसभा चुनाव में इस मुददे को लेकर किसानों के बीच जाएगी।
सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी दागे सवाल
वहीं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के अध्यक्ष और सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा, कांग्रेस के नेताओं की सभा में आरएलपी के कार्यकर्ता किसानों के साथ मिलकर पूछेंगे कि कर्ज माफी का वादा पूरा क्यों नहीं किया गया?
परिवार ने आत्महत्या की बात कही तो सरकार ने नीलामी निरस्त की: पिछले साल जनवरी में दौसा जिले के रामगढ़ पचवारा निवासी किसान कजोड़मल मीणा की जमीन कर्ज नहीं चुका पाने के कारण नीलाम कर दी गई थी।
दौसा से लेकर जयपुर और दिल्ली तक मामला सुर्खियों में आया तो गहलोत सरकार ने नीलामी को निरस्त कर दिया। प्रदेश में पांच एकड़ से कम कृिष भूमि की नीलामी नहीं करने के निर्देश जारी किए गए। कजोड़ ने साल, 2017 में खेत में बोरिंग करवाने के लिए ढाई लााख रुपये का कर्ज लिया था, लेकिन बोरिंग से पानी नहीं निकला। बैंक ने कर्ज चुकाने का नोटिस दे दिया। इस बीच जोड़ की मौत हो गई। पुत्र पप्पू मीणा के अनुसार एक दिन बैंक ने जमीन नीलाम कर दी।