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Rajasthan Result: राजस्थान में नहीं बदला रिवाज, PM मोदी के आगे नहीं चली गहलोत की गारंटी; इन दो खातों में नहीं हुई कोई एंट्री

Rajasthan Result हर पांच साल में सरकार बदलने का राजस्थान का पुराना रिवाज इस बार भी कायम रहा। मतदाताओं को लुभाने के लिए कई बड़ी घोषणाएं करने के बावजूद कांग्रेस को 69 सीटें ही मिली है। साथ ही दो महीने पहले गठित हुई भारतीय आदिवासी पार्टी (बाप) ने तीनबसपा ने दो और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने मात्र एक सीट जीती है।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Mon, 04 Dec 2023 06:30 AM (IST)
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कांगेस प्रत्याशी सीताराम अग्रवाल को 71,386 मतों से हराया है।
नरेंद्र शर्मा, जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी और चेहरे के आगे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की गारंटी व घोषणाएं नाकाम साबित हुई। भाजपा ने 199 में से 115 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत प्राप्त किया है। ऐसे में हर पांच साल में सरकार बदलने का राजस्थान का पुराना रिवाज इस बार भी कायम रहा। मतदाताओं को लुभाने के लिए कई बड़ी घोषणाएं करने के बावजूद कांग्रेस को 69 सीटें ही मिली है। साथ ही दो महीने पहले गठित हुई भारतीय आदिवासी पार्टी (बाप) ने तीन,बसपा ने दो और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने मात्र एक सीट जीती है। नौ सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। इनमें से छह भाजपा और एक कांग्रेस के बागी हैं।आम आदमी पार्टी (आप) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) जन नायक जनता पार्टी (जेजेपी) और आल इडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईए) का खाता तक नहीं खुल सका है।इनमें सबसे अधिक 88 सीटों पर आप ने प्रत्याशी खड़े किए थे। माकपा ने 24 व जेजेपी ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस बार चुनाव में सबसे बड़ी जीत विधाधर नगर सीट से भाजपा की दीया कुमारी की रही उन्होंने कांगेस प्रत्याशी सीताराम अग्रवाल को 71,386 मतों से हराया है।

भाजपा और कांग्रेस कहीं खुशी तो कहीं दुखी

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे,राज्यवद्र्धन सिंह राठौड़, किरोड़ी लाल मीणा और उनके भतीजे राजेंद्र मीणा,अनिता भदेल,वासुदेव देवनानी,सिद्धि कुमारी,कालीचरण सराफ,जसवंत यादव आदि भाजपा के प्रमुख नेता हैं। वहीं कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट,प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा,राष्ट्रीय सचिव जुबेर खान,स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल शामिल हैं। उधरभाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया,प्रतिपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़,तीन सांसद देवजी पटेल,भागीरथ चौधरी व नरेन्द्र कुमार खीचड़ व पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी चुनाव हार गए ।वहीं कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष सी.पी.जोशी और गहलोत मंत्रिमंडल के 17 सदस्य हार गए । ऐसे में दोनों पार्टियां कहीं खुश हुई तो कहीं दुखी हुई।

हरियाणा से आकर चुनाव जीती

कामां सीट पर हरियाणा के नूंह जिले की निवासी नोक्षम चौधरी ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर कांग्रेस की जाहिदा खान को हराया है। नोक्षम नामांकन दाखिल करने से दो दिन पहले ही कामां आई थी। नोक्षम ने 2019 में हरियाणा में नूंह जिले की पुन्हाना सीट पर भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था।

इन बागियों ने दिया झटका

इस बार भाजपा के छह बागी चुनाव जीते हैं। इनमें डीडवाना सीट से युनूस खान,शिव से रविंद्र सिंह भाटी,बयाना से रितु बनावत,सांचौर से जीवाराम,बाड़मेर से प्रियंका चौधरी और चित्तौड़गढ़ से चंद्रभान आक्या शामिल है। लूणकरणसर सीट पर कांग्रेस के विरेंद्र बेनीवाल चुनाव जीते हैं।

चाचा ने भतीजी और पति ने पत्नी को हराया

नागौर सीट पर कांग्रेस के हरेंद्र मिर्धा ने भाजपा की ज्योति मिर्धा को चुनाव हराया है। हरेंद्र रिश्ते में ज्योति के चाचा लगते हैं। ज्योति पिछले महीने ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई थी। वहीं दांतारामगढ़ सीट पर कांग्रेस के विरेंद्र चौधरी ने अपनी पत्नी रीटा को चुनाव हराया है। रीटा ने जेजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। धौलपुर सीट पर कांग्रेस की शोभारानी कुशवाह ने अपने जीता और भाजपा प्रत्याशी शिवचरण को हराया है।

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