Sachin Pilot: गुर्जर वोट बैंक भी नहीं लगा सका कांग्रेस की नैया को किनारे! पर सचिन पायलट को टोंक में बड़ी बढ़त
कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट अपने टोंक विधानसभा क्षेत्रे से आगे चल रहे हैं। बता दें कि सचिन पायलट राजस्थान के एक प्रमुख गुर्जर नेता हैं जो लगातार गहलोत सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर करते रहे हैं। हालांकि इस अंदरूनी कलह के कारण राज्य में कांग्रेस को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। सचिन 2018 में बीजेपी उम्मीदवार यूनुस खान को हराकर इस सीट पर काबिज हुए।
By Nidhi AvinashEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Sun, 03 Dec 2023 03:18 PM (IST)
डिजिटल डेस्क, जयपुर। Rajasthan Assembly Election Result: कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट अपने टोंक विधानसभा क्षेत्रे से आगे चल रहे हैं। वह भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अजित सिंह मेहता से 20024 मतों से आगे बने हुए हैं।
बता दें कि सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच मतभेदों के कारण वोटों की गिनती शुरू होते ही टोंक राजस्थान में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले निर्वाचन क्षेत्रों में से एक होने की संभावना है।
अजीत सिंह के बाद सचिन पायलट
2013 में, भाजपा उम्मीदवार अजीत सिंह मेहता ने निर्दलीय उम्मीदवार सऊद सईदी को 30,343 वोटों के अंतर से हराकर टोंक सीट जीती थी। इसके बाद पायलट 2018 में बीजेपी उम्मीदवार यूनुस खान को 54,179 वोटों के अंतर से हराकर इस सीट पर काबिज हुए।जानकारी के लिए बता दें कि सचिन पायलट राजस्थान के एक प्रमुख गुर्जर नेता हैं जो लगातार गहलोत सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर करते रहे हैं। हालांकि, इस अंदरूनी कलह के कारण राज्य में कांग्रेस को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
राजस्थान में गुर्जर वोट बैंक क्यों महत्वपूर्ण?
राजस्थान में गुर्जर वोटर्स की संख्या सबसे ज्यादा है। इस बार के चुनाव में ऐसा प्रतीत होता है कि गुर्जर वोटर्स कांग्रेस से दुरी बनाए हुए है। 2018 में कांग्रेस की जीत के बावजूद सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं चुना गया, जिससे गुर्जर समाज काफी नाराज हो गया। ये एक कारण हो सकता है कि इस बार गुर्जर वोट बैंक ने भाजपा पर भरोसा जताते हुए नजर आ रहे हैं।बता दें कि भाजपा ने 10 गुर्जर उम्मीदवारों और कांग्रेस ने 11 प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा है। इस साल जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोजी ने गुर्जरों के देवता देवनारायण के 1,111वें 'अवतरण महोत्सव' के अवसर पर भीलवाड़ा में एक कार्यक्रम को संबोधित किया था। इससे गुर्जर समुदाय का कहीं न कहीं झुकाव भाजपा की ओर बढ़ता दिखाई दिया है।