राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उनके पूर्व डिप्टी सचिन पायलट लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील कर रहे हैं। राजस्थान में कल यानि 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने हैं। जिसको लेकर सभी पार्टियां तैयारियां कर रही हैं। इस दौरान सभी पार्टियां मतदाताओं से उन्हें वोट देने की अपील कर रही हैं।
By Jagran NewsEdited By: Versha SinghUpdated: Fri, 24 Nov 2023 11:55 AM (IST)
पीटीआई, जयपुर (राजस्थान)। राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने हैं। जिसे लेकर सभी पार्टियां जोरों शोरों से प्रचार प्रसार में लगी हुई हैं।
वहीं, एकता दिखाने के लिए, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उनके पूर्व डिप्टी सचिन पायलट लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील कर रहे हैं।राजस्थान विधानसभा के लिए शनिवार को मतदान होगा।
गहलोत ने शेयर की पायलट की वीडियो
यह वीडियो पोस्ट महत्वपूर्ण है क्योंकि राजस्थान विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान में पायलट-गहलोत सत्ता संघर्ष का बार-बार उल्लेख किया गया है और प्रधानमंत्री ने भी इसका जिक्र किया है।पायलट का 1.51 मिनट का वीडियो गहलोत ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया।
वीडियो में पायलट लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील करते नजर आ रहे हैं और कह रहे हैं कि फीडबैक, जनता की प्रतिक्रिया और मतदाताओं के रुझान से साफ पता चलता है कि उनकी पार्टी राज्य में फिर से सरकार बनाने जा रही है।
कांग्रेस प्रत्याशियों को जिताएं- गहलोत
उन्होंने कहा, हमने चुनाव अभियान के तहत सैकड़ों बैठकें की हैं लेकिन कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां हम कोशिश करने के बाद भी नहीं पहुंच पाए हैं, इसलिए मेरी आपसे विनम्र अपील है कि सभी को साथ लेकर चलें, राज्य में विकास की गति बनाए रखें। कांग्रेस की कार्यशैली को बरकरार रखने के लिए जरूरी है कि हम सभी बातें भूलकर हाथ के निशान पर बटन दबाएं और सभी कांग्रेस प्रत्याशियों को जिताएं।
पायलट ने कहा, ''मैं उन सभी विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस उम्मीदवारों को जिताने की अपील करना चाहता हूं जहां मैं नहीं जा सका हूं।''उन्होंने आगे कहा कि यह जीत कांग्रेस के लोगों की जीत होगी।उन्होंने कहा, सरकार बनने के बाद कांग्रेस सरकार की योजनाओं को बंद करने की बीजेपी की योजना को हम सफल नहीं होने देंगे।
गहलोत और पायलट के बीच चल रही खींचतान
दिसंबर 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री पद को लेकर गहलोत और पायलट के बीच खींचतान चल रही है, जिसके कारण पायलट को 2020 में गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह का सहारा लेना पड़ा, जिससे राजनीतिक संकट पैदा हो गया था।
हालाँकि, 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले, पार्टी ने कहा कि चीजें सुलझा ली गई हैं और दोनों नेताओं ने कहा कि अतीत को भूल जाना चाहिए।गुरुवार को अपने चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने सचिन पायलट के साथ किए गए व्यवहार को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा था।उन्होंने कहा, एक गुर्जर का बेटा जिसने कांग्रेस के लिए अपनी जान दे दी, उसे राजस्थान में पार्टी के सत्ता में आने के बाद दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकाल दिया गया।
गहलोत ने की राजेश पायलट की तारीफ
मोदी ने सचिन पायलट के साथ वही व्यवहार करके उन्हें दंडित करने का भी आरोप लगाया था जो उनके पिता के साथ किया गया था, उन्होंने कहा था कि जो कोई भी सबसे पुरानी पार्टी में सच बोलता है उसे राजनीति से बाहर कर दिया जाता है और सुझाव दिया कि राजेश पायलट ने कांग्रेस नेतृत्व का समर्थन खो दिया है। 1997 में पार्टी अध्यक्ष पद के लिए उन्होंने सीताराम केसरी के खिलाफ चुनाव लड़ा।
मोदी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए सचिन पायलट ने कहा था कि उनकी पार्टी और जनता के अलावा किसी को भी उनकी चिंता करने की जरूरत नहीं है।उन्होंने कहा कि उनके पिता जीवन भर एक समर्पित कांग्रेसी रहे और प्रधानमंत्री के बयान सच्चाई से बहुत दूर थे और उनका उद्देश्य लोगों का ध्यान भटकाना था।गुर्जर समुदाय का पूर्वी राजस्थान के जिलों में प्रभाव है जहां पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अधिकांश सीटें जीती थीं।
राजस्थान की 200 में से 199 विधानसभा सीटों पर शनिवार को मतदान होगा और तीन दिसंबर को मतगणना होगी। कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कूनर के निधन के कारण करणपुर सीट पर चुनाव स्थगित कर दिया गया है।
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