Rajasthan: राजस्थान कांग्रेस के पर्यवेक्षकों ने खरगे से की मुलाकात, विधायक दल की बैठक के बारे में दी जानकारी
राजस्थान कांग्रेस के पर्यवेक्षकों ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की। भूपिंदर सिंह हुड्डा मुकुल वासनिक और मधुसूदन मिस्त्री ने उन्हें विधायक दल की बैठक के बारे में जानकारी दी। राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को भाजपा ने हराकर राज्य में स्पष्ट बहुमत हासिल किया। इस्तीफा सौंपने के बाद बाद निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पार्टी हार के कारणों का विश्लेषण करेगी।
By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Wed, 06 Dec 2023 11:35 AM (IST)
एएनआई, जयपुर। Rajasthan Assembly Election Results: राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी पर्यवेक्षक (party observer) भूपिंदर सिंह हुड्डा, मुकुल वासनिक और मधुसूदन मिस्त्री ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि बैठक मंगलवार देर रात हुई। राजस्थान कांग्रेस के तीन पर्यवेक्षकों ने खरगे को जयपुर में हुई कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक के बारे में जानकारी दी। सीएलपी बैठक कई महत्वपूर्ण चर्चाओं के लिए बुलाई गई थी, जिसमें विधानसभा में विपक्ष के नए नेता (LoP) पर निर्णय लेना और 2023 के विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के कारण पर चर्चा करना शामिल था।
भाजपा ने गहलोत सरकार को सत्ता से किया बाहर
राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को भाजपा ने हराकर राज्य में स्पष्ट बहुमत हासिल किया। इस्तीफा सौंपने के बाद बाद निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पार्टी हार के कारणों का विश्लेषण करेगी। वहीं, उनके पूर्व डिप्टी और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट ने कहा कि वह कांग्रेस पार्टी के लिए काम करना जारी रखेंगे। इस बीच अशोक गहलोत के पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा ने दावा किया है कि राजस्थान राजनीतिक संकट के दौरान जब सचिन पायलट ने बगावत की थी तो उनके फोन टैप किए गए थे।राजस्थान राजनीतिक संकट
लोकेश शर्मा ने कहा, 'राजस्थान में राजनीतिक संकट के दौरान, जब सचिन पायलट 18 विधायकों के साथ मानेसर गए थे, तो यह स्वाभाविक है कि राज्य सरकार ऐसे मामलों में आंदोलन पर नजर रखती है। इसलिए, राज्य सरकार सचिन पायलट और लोगों पर नजर रख रही थी।' वह मिल रहे थे। सचिन पायलट पर नजर रखी जा रही थी कि वह कहां जा रहे हैं और किससे फोन पर बात कर रहे हैं ताकि सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें।'
उन्होंने आगे कहा कि पायलट की निगरानी के कारण ही कांग्रेस अपनी सरकार बचाने में सफल रही। लोकेश शर्मा ने कहा, 'निगरानी के कारण ही हम कुछ लोगों को वापस ला सके। उनका पीछा भी किया जा रहा था और उनकी सभी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी। मेरा मानना है कि सचिन पायलट को इसकी जानकारी थी और उन पर नजर रखी जा रही थी।'
दो नेताओं के बीच तनाव, क्या बनी हार की वजह
इससे दोनों नेताओं के बीच तनाव बढ़ना तय है, हालांकि कांग्रेस एक नए प्रदेश अध्यक्ष और एक नए विपक्ष के नेता की घोषणा कर सकती है। चार राज्यों - तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों की गिनती 3 दिसंबर को संपन्न हुई, जिसमें भाजपा तीन उत्तर भारतीय राज्यों में अधिकांश सीटों पर विजयी हुई।
राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा ने मौजूदा कांग्रेस सरकारों को हराया, वहीं मध्य प्रदेश में बीजेपी ने अपनी सत्ता बरकरार रखी। हालांकि, दक्षिण भारतीय राज्य तेलंगाना में, कांग्रेस को सांत्वना मिली और वह विजयी हुई और बीआरएस के एक दशक पुराने शासन को उखाड़ फेंका। बता दें कि राजस्थान में, भाजपा ने 199 में से 115 सीटें जीतीं, जिससे मौजूदा अशोक गहलोत सरकार स्पष्ट रूप से बाहर हो गई।यह भी पढ़ें: Rajasthan Congress: राजस्थान का नेता प्रतिपक्ष चुनने के लिए कांग्रेस में मंथन, गहलोत-पायटल समेत सभी विधायक रहे मौजूद
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