Rajasthan Election 2023: राजस्थान में गर्माने लगा जाट सीएम और भील प्रदेश का मुद्दा, मसले को हवा देने में जुटे नेता
Rajasthan Election 2023 प्रदेश के 10 जिलों और 60 से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों में हार-जीत का फैसला करने वाले जाट समाज के प्रमुख नेता समाज में जागरूकता अभियान चलाते हुए तर्क दे रहे हैं कि आजादी के बाद से लेकर अब तक सभी जातियों के सीएम बनें लेकिन अब तक जाट समाज के किसी नेता को अवसर नहीं मिला है।
By Abhinav AtreyEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Mon, 06 Nov 2023 07:45 PM (IST)
नरेंद्र शर्मा, जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में एक बार फिर जाट मुख्यमंत्री और भील प्रदेश का मुद्दा गर्माने लगा है। राजनीतिक रूप से जागरूक माने जाने वाले जाट समाज ने जाट मुख्यमंत्री के मुद्दे को लेकर अभियान प्रारंभ किया है।
प्रदेश के 10 जिलों और 60 से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों में हार-जीत का फैसला करने वाले जाट समाज के प्रमुख नेता समाज में जागरूकता अभियान चलाते हुए तर्क दे रहे हैं कि आजादी के बाद से लेकर अब तक सभी जातियों के सीएम बनें, लेकिन अब तक जाट समाज के किसी नेता को अवसर नहीं मिला है।
हनुमान बेनीवाल इस मुद्दे को हवा देने में जुटे
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल और जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील इस मुद्दे को हवा देने में जुटे हैं। बेनीवाल और मील का कहना है कि कांग्रेस सरकार में दो बार जाट सीएम बनने का मौका मिला, लेकिन अशोक गहलोत सीएम बन गए। उधर, भील प्रदेश की मांग को लेकर पिछले पांच साल से आंदोलन कर रहे आदवासी नेताओं ने भी विधानसभा चुनाव में इस मुद्दे को हवा दी है।नया भील प्रदेश बनने के बाद ही हो सकता भला- वेलाराम घोगरा
भारतीय आदिवासी पार्टी के विधायक राजकुमार रोत और भारतीय ट्राइबल पार्टी के अध्यक्ष वेलाराम घोगरा का कहना है कि आदिवासियों का भला नया भील प्रदेश बनने के बाद ही हो सकता है। आदिवासियों की पिछले 10 दिन से अलग-अलग बैठक हो रही हैं, जिनमें भील प्रदेश की मांग करने वाली पार्टी को ही समर्थन देने की बात की जा रही है।
चुनाव में जाट का वोट जाट को देने की अपील
वहीं, जाट समाज की पंचायतों में पार्टियों पर दबाव डालने पर जोर पिछले 10 दिन से शेखावाटी, मारवाड़ और बीकानेर संभाग के 10 जिलों के गांवों में जाट पंचायतों का दौर चल रहा है। इन पंचायतों में जाट सीएम और जाट का वोट जाट को देने की अपील की जा रही है। बेनीवाल ने नागौर, जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, सीकर, चुरू, हनुमानगढ़, झुंझुनूं और श्रीगंगानगर जिलों में खुद को जाटों का शुभचिंतक बताते हुए अभियान चला रखा है।