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Rajasthan Election 2023: राजस्थान में वोट बैंक साधने के लिए मंदिर-मंदिर जा रहे नेता, हिंदू वोटों पर दोनों दलों की नजर

राजस्थान चुनाव में कांगेस और भाजपा के नेता वोट बैंक को साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। भाजपा नेता जहां हिंदुत्व के सहारे वोट पक्का करने के लिए मंदिरों मठों व धर्मगुरुओं के यहां हाजिरी दे रहे हैं। वहीं कांग्रेस कभी सॉफ्ट हिंदुत्व का सहारा लेती है तो कभी धर्मनिरपेक्षता की बात करते हुए हिंदू व मुस्लिम वोट बैंक को एक साथ साधने की कोशिश कर रही है।

By Jagran NewsEdited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Sat, 18 Nov 2023 08:53 PM (IST)
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राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांगेस और भाजपा के नेता वोट बैंक को साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।

नरेंद्र शर्मा, जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांगेस और भाजपा के नेता वोट बैंक को साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। भाजपा नेता जहां हिंदुत्व के सहारे वोट पक्का करने के लिए मंदिरों, मठों व धर्मगुरुओं के यहां हाजिरी दे रहे हैं। वहीं, कांग्रेस कभी सॉफ्ट हिंदुत्व का सहारा लेती है तो कभी धर्मनिरपेक्षता की बात करते हुए हिंदू व मुस्लिम वोट बैंक को एक साथ साधने की कोशिश कर रही है।

मंदिर व मठ के सहारे वोट बैंक साधने की रणनीति पर भाजपा पिछले कई महीनों से काम कर रही है। इसी रणनीति के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चित्तौड़गढ़ में सभा करने से पहले प्रसिद्ध सांवलियाजी मंदिर में पूजा-अर्चना की। मोदी ने भीलवाड़ा में देवनारायण मंदिर में दर्शन किए। आदिवासियों के प्रमुख धार्मिक स्थल मानगढ़ धाम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पूजा की।

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चुनावी जनसभा से पहले मंदिर जा रहे नेता

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे किसी भी जनसभा को संबोधित करने से पहले क्षेत्र के मंदिरों में जाना नहीं भूल रही हैं। वसुंधरा ने त्रिपुरा सुंदरी, भैरोंजी, बेणेश्वर व चारभुजा जी सहित आधा दर्जन मंदिरों के दर्शन किए हैं। प्रदेश में चुनाव प्रचार के लिए आ रहे केंद्रीय मंत्रियों व राष्ट्रीय नेताओं को पार्टी नेतृत्व ने मंदिरों व मठों में दर्शन करने के निर्देश दिए हैं। पार्टी के प्रत्याशियों को भी इसी तरह की हिदायत दी गई है। उधर, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को सागवाड़ा स्थित गायत्री पीठ पर हवन-पूजन किया।

मंदिर जाकर वोट बैंक साधने की कोशिश

प्रियंका ने यहां लोगों को गायत्री मंत्र भी सुनाया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रतिदिन अपनी यात्राओं के दौरान मंदिरों में जाने का कोई अवसर नहीं छोड़ रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा जयपुर व श्रीगंगानगर में गुरुद्वारों में जाकर आए हैं। पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट लगभग प्रतिदिन मंदिरों में जाकर वोट बैंक साधने की कोशिश कर रहे हैं।

इन मंदिर व मठों का खास प्रभाव मेवाड़ के प्रमुख धार्मिक स्थल चारभुजा जी व श्रीनाथ जी मंदिर का 23 सीटों पर प्रभाव माना जाता है। 23 विधानसभा क्षेत्रों के लोग नियमित तौर पर इन मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए जाते रहते हैं। इनके महंतों का खास प्रभाव है। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के महंत परिवार का दौसा, करौली व भरतपुर जिलों की करीब 10 सीटों पर प्रभाव है।

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सीकर जिले में स्थित खाटू श्याम जी मंदिर में वैसे तो पूरे देश से लोग दर्शन करने के लिए आते हैं, लेकिन राजस्थान की आठ विधानसभा सीटों पर इस मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों का खासा प्रभाव माना जाता है। पुष्कर में ब्रह्माजी का मंदिर अजमेर जिले का प्रमुख धार्मिक स्थल है। पुष्कर में पूरी दुनिया का एकमात्र ब्रह्मा मंदिर है। जैसलमेर में स्थित बाबा रामदेव मंदिर का करीब सात, बीकानेर स्थित करणी माता का सात, चित्तौड़गढ़ के सांवलिया जी का छह, चूरू के सालासर बालाजी मंदिर का चार, सवाईमधोपुर के त्रिनेत्र गणेश मंदिर का चार से पांच सीटों पर प्रभाव माना जाता है। ऐसे में करीब 80 सीटों पर मंदिरों से प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जारी होने वाले संदेश का कुछ असर रहता है।