Rajasthan Election: हर पेपर लीक में माफिया, सीएम गहलोत ने क्या किया; जनता पूछ रही सवाल
राजस्थान चुनाव में इस बार जातीय समीकरण से लेकर पेपर लीक में माफिया भी मुख्य मुद्दा है। राजाखेड़ा विधानसभा सीट से भाजपा ने नीरजा शर्मा को मैदान में उतारा है जिनके पति स्व. अशोक शर्मा पिछली बार पराजित हो गए थे। कांग्रेस का हाथ फिर विधायक रोहित वोहरा के साथ है। हाथी भी यहां दम रखता है। राजाखेड़ा सीट पर लगभग दो लाख मतदाता हैं।
By Jagran NewsEdited By: Jeet KumarUpdated: Sat, 18 Nov 2023 06:30 AM (IST)
अवधेश माहेश्वरी, राजाखेड़ा (धौलपुर)। जादूगर अशोक गहलोत। ना...ना...ना...सब कहने की बातें हैं। वह जादूगर होते तो, प्रतियोगी परीक्षाओं के पर्चा लीक पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगा दिया। माफिया को मिटाने के लिए क्या किया। उनके एक नजदीकी नेता का नाम बार-बार नाम आता है। उनके रिश्तेदार राजस्थान प्रशासनिक सेवा में चयनित हो गए।
बताइए कि कौन सी प्रतियोगी परीक्षा का पेपर लीक नहीं हुआ। यूनिटी हेल्थ आफिसर भर्ती परीक्षा के 100 में से 89 प्रश्न आउट हो गए। यह फिर भी रद क्यों नहीं किया? इनकी सरकार लौटी तो, करेंगे भी नहीं। योगी होते तो, आरोपितों के घर पर बुलडोजर चल गया होता। दो युवा दोस्त सरकार के कामकाज की बात पर यही बात कहते हैं।
बसपा ने भाजपा के विद्रोही धर्मपाल सिंह को महावत बनाया था
धौलपुर जिले के राजाखेड़ा में दीवाली के बाद चुनावी सरगर्मी छाई है। यह क्षेत्र राजस्थान में भले हो, लेकिन दिल उप्र में रहता है। ज्यादातर परिवारों का आगरा से नजदीकी रिश्ता है। व्यापार के लिए धौलपुर या जयपुर नहीं, आगरा में ही एक पैर रहता है। राजाखेड़ा विधानसभा सीट से भाजपा ने नीरजा शर्मा को मैदान में उतारा है, जिनके पति स्व. अशोक शर्मा पिछली बार पराजित हो गए थे। कांग्रेस का हाथ फिर विधायक रोहित वोहरा के साथ है। हाथी भी यहां दम रखता है। बसपा ने भाजपा के विद्रोही धर्मपाल सिंह को महावत बनाया था, जो अचानक एक दिन थोड़ी देर को अज्ञातवास में गए। कुछ देर में वह कमल के साथी बनकर लौटे।राजाखेड़ा सीट पर लगभग दो लाख मतदाता
राजाखेड़ा सीट पर लगभग दो लाख मतदाता हैं, जिनकी सबसे बड़ी समस्या पानी की है। इस क्षेत्र में ही नहीं जिला मुख्यालय धौलपुर और बाड़ी विधानसभा क्षेत्र के डांग में भी यही हाल है। समस्या के निराकरण के लिए चंबल नदी से पानी लाने को 849 करोड़ रुपये की काली तीर परियोजना पर कार्य चल रहा है। इसे मंजूर कराने के श्रेय लेने की नेताओं में होड़ रहती है।
बाड़ी के भाजपा प्रत्याशी गिर्राज सिंह मलिंगा इसे अपनी उपलब्धि बताते हैं, तो रोहित वोहरा अपने नाम की मुहर लगाते हैं। धौलपुर सांसद मनोज राजौरिया इसका श्रेय मोदी को देते हैं। सखवारा के प्रधान मुकेश रावत कहते हैं कि परियोजना वसुंधरा सरकार ने स्वीकृत की थी। अब उन्हें भाजपा भी नेपथ्य में पहुंचा रही है। ऐसे में कोई उनका नाम नहीं लेता।
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